25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

आयकर विभाग की झारखंड में छापेमारी

देश-विदेश

आयकर विभाग ने झारखंड में 17 मार्च, 2021 को एक समूह के ठिकानों पर छापेमारी की। जांच और छापेमारी की यह कार्यवाही 20 मार्च, 2021 को संपन्न हुई। यह समूह स्पोंज आयरन, इंगोट्स, एमएस रॉड्स और टीएमटी बार्स के उत्पाद व्यवसाय से जुड़ा है। समूह के पास पेट्रोल पंपों की भी डीलरशिप है। समूह पर छापेमारी के इस अभियान में 20 ठिकानों पर जांच पड़ताल की गई।

यह समूह बेहिसाबी बिक्री और उत्पादन में संलिप्त पाया गया है और अपने मुनाफे को खर्च के रूप में दिखाने के लिए फर्जी कंपनियों के बड़े नेटवर्क का इस्तेमाल करता रहा है। प्राथमिक जांच में 185 करोड रुपए के बेहिसाबी उत्पादन की बिक्री के प्रमाण मिले हैं। ऐसे बेहिसाबी लेन देन का ब्यौरा डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध था, जिसकी जांच और विश्लेषण किया गया। नियमित लेखा पुस्तकों में दर्ज न किए गए उत्पादन के वास्तविक विवरण को भी हासिल किया गया है।

इस समूह द्वारा किए जाने वाले उत्पादन का भवनों के निर्माण और अन्य बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं में होता है और यह समूह पूर्वी भारत में बड़े पैमाने पर अपने उत्पादों की नकद आधार पर बेहिसाबी बिक्री करता रहा है। ऐसी बेहिसाब बिक्री से प्राप्त होने वाले धन को कोलकाता स्थित फर्जी कंपनियों के माध्यम से शेयर पूंजी और असुरक्षित ऋण के रूप में समूह में शामिल करता रहा है। इन पैसों का संपत्तियों की खरीद और व्यक्तिगत उपयोग वाली महंगी वस्तुओं की खरीद में निवेश के रूप में भी किया गया।

ज़ब्त किए गए दस्तावेज यह संकेत करते हैं कि बेहिसाबी बिक्री से प्राप्त समूह की लगभग 100 करोड रुपए की पूंजी को कोलकाता स्थित शैल कंपनी के माध्यम से ऊंची दर पर शेयर के रूप में वापस समूह में लाया गया। नकली कंपनियों के लिए जारी किए गए शेयर के मूल प्रमाण पत्र भी कंपनी के परिसरों से प्राप्त हुए हैं। जांच में पता चला है कि ऐसे तथाकथित शेयर धारक अस्तित्व में हैं ही नहीं।

समूह ने कोलकाता आधारित के इन फर्जी कंपनियों से लगभग 25 करोड़ रुपए का असुरक्षित ऋण भी दर्शाया है जो साफ संकेत करता है कि समूह अपनी ही आय को कंपनी में वापस लाने के लिए इन रास्तों को अपनाता रहा है। समूह ने 30 करोड़ रुपए की फर्जी कमोडिटी प्रोफिट प्रविष्टियां भी प्राप्त की है।

एक प्रविष्टि प्रदाता और एक फ्रेट फॉरवार्डर की भी जांच की गई है। यह व्यक्ति फर्जी कंपनियों के माध्यम से प्रविष्टियों का प्रबंधन करते थे। दस्तावेजों में बेहिसाबी लेन देन का ब्यौरा जांच के दौरान भी सत्यापित हुआ है।

छापेमारी और तलाशी की इस कार्यवाही में यह साफ-साफ से खुलासा हुआ है कि समूह नकदी आय जुटाने में सक्रिय रूप से संलिप्त रहा है और उसी नकदी को इक्विटी और ऋण के माध्यम से समूह में शामिल कर उसे रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश करता रहा है। छापेमारी के दौरान बेहिसाबी 3.07 करोड़ की नकदी और 1.28 करोड़ रुपए के बेहिसाबी आभूषण और शेयर ज़ब्त किये गए।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More