आयकर विभाग ने 28 अक्टूबर 2020 को कोयंबटूर, इरोड, चेन्नई और नमक्कल में 22 स्थानों पर एक ठेकेदार सहित कई शैक्षणिक संस्थान चलाने वाली एक कंपनी और उनके सहयोगियों के यहां छापे मारे। यह छापेमारी उन सूचनाओं के आधार पर की गई थी कि जिसमें छात्रों से ली जाने वाली शुल्क का हिसाब-किताब नियमित तौर पर लेखा में दर्ज नहीं पाये जाने की जानकारी प्राप्त हुई थी।
इस छापेमारी के दौरान प्राप्त सबूतों से पता चलता है कि प्राप्त शुल्क के बारे में आरोप सत्य हैं और बेहिसाब रसीदें ट्रस्टियों के व्यक्तिगत खातों में पहुंचा दी गईं, जिसे एक कंपनी के माध्यम से रियल एस्टेट में निवेश किया गया है। इस कंपनी के अन्य शेयरधारकों में जैसे तिरुपुर के एक वास्तुकार और एक कपड़ा व्यवसायी के यहां भी छापेमारी की गई। इस छापेमारी के दौरान जब्त की गई इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच की जा रही है।
नमक्कल से ठेकेदारों के यहां छापेमारी के दौरान, श्रम शुल्क, सामग्री की खरीद आदि के तहत फर्जी खर्च बुक के माध्यम से व्यय की जानकारी प्राप्त हुई है।
इस छापेमारी के दौरान बेहिसाब निवेशों और लगभग 150 करोड़ रुपये तक के कैश-भुगतान के बारे में भी जानकारी मिली है । 5 करोड़ रूपए की राशि जब्त की गई है। कुछ लॉकरों की भी जानकारी प्राप्त हुई है। छापेमारी अभी भी जारी है।