लखनऊ: लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश में सभी निर्माणाधीन सड़कों के शेष कार्य नई तकनीक से कराने का फैसला किया है। प्रमुख अभियंता (विकास) तथा विभागाध्यक्ष वीके सिंह ने सभी मुख्य अभियंताओं से निर्माणाधीन सड़कों का ब्योरा मांगा है।
नई तकनीक के इस्तेमाल से लागत कम आने के साथ ही सड़कें मजबूत भी होंगी और समय भी बचेगा। इसके लिए एक करोड़ और इससे अधिक लागत वाली अधूरी सड़कों को प्राथमिकता के आधार चुना जा रहा है। कम बजट वाली सड़कों के अधूरे काम भी नई तकनीक से ही कराने के निर्देश दिये गये हैं।
लागत 25 फीसदी घटेगी: विभाग ने अब ग्रामीण सड़कों से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग तक पर नई तकनीक के इस्तेमाल का फैसला किया है। इस तकनीक से बनने वाली सड़कों के अपेक्षाकृत ज्यादा टिकाऊ होने का दावा किया गया है। लागत भी सीधे 25 फीसदी घट जाती है और समय भी बच रहा है।
यह है नई तकनीक
अब तक नई सड़क बनाने के लिए गिट्टी की मोटाई करीब 40 सेमी. रखी जाती थी। नई तकनीकी में गिट्टी की परत की मोटाई महज 30 सेमी. रखने का निर्देश है। इस प्रकार गिट्टी परत की मोटाई सीधे 25 फीसदी कम की गई। पुरानी तकनीक में गिट्टी की पकड़ मजबूत बनाने का कोई प्रबंध नहीं था। नई तकनीक में गिट्टी के साथ सीमेंट और इमल्सन भी डाला जाना है, जिससे सड़क का आधार मजबूत होगा।