लखनऊ: खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा प्रदेश में स्थापित क्रय केंद्रों के माध्यम से अब तक 55 लाख मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 29.39 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है जो निर्धारित लक्ष्य का 53.44 प्रतिशत है। न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत अब तक 551057 किसानों को लाभन्वित करते हुए अब तक कृषकों से रुपए 5657.45 करोड़ मूल्य के गेहूं का क्रय किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रभावी लॉकडाउन के कारण 15 अप्रैल, 2020 जो निर्धारित अवधि से 15 दिन विलम्ब से गेहूं की खरीद प्रारंभ की गई। क्रय केंद्र पर अभी भी गेहूं की आवक हो रही है एवं दैनिक रूप से 5 से 6 लाख कुंटल की खरीद हो रही है। किसानों की सुविधा के लिए एवं अधिक से अधिक किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ मिल सके। इसके लिए गेहूं खरीद के अंतिम तिथि 15 जून 2020 से बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई हैं।
प्रदेश के खाद्य आयुक्त श्री मनीष चैहान ने बताया कि अधिकारियों के फील्ड भ्रमण के दौरान यह पाया गया कि मंडी स्थल पर गेहूं की आवक की तुलना में क्रय केंद्रों की संख्या अधिक है कृषकों को अधिक सुविधा प्रदान करने की दृष्टि से मंडी में स्थापित अनावश्यक केंद्रों को ग्रामीणों अंचलो में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए है। ताकि किसानों को अपना गेहूं बेचने हेतु कम दूरी तय करनी पडे़। उन्होंने बताया कि अधिकाधिक किसानों को लाभ पहुंचाने व लक्ष्य के सापेक्ष गेहूं खरीद बढ़ाए जाने के उद्देश्य मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से खरीद किए जाने हेतु समस्त जिलाधिकारी, समस्त संभागीय खाद्य नियंत्रक व क्रय एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं।
श्री चैहान ने समस्त जिलाधिकारियों संभागीय खाद्य नियंत्रक व क्रय एजेंसियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि मोबाइल क्रय केंद्रों के माध्यम से अथवा उपकेंद्र खोलते हुए गेहूं क्रय बढ़ाया जाए। मोबाइल क्रय केंद्रों के संपर्क हेतु उनके मोबाइल नंबर व भ्रमण कार्यक्रम का उचित प्रचार-प्रसार भी कराया जाए।उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जिन क्रय केंद्रों पर गेहूं की आवक नहीं हो रही है उनको ग्रामीण अंचल जहां पर गेहूं की आवक अच्छी हो स्थानांतरित किया जाए अथवा उप केंद्र खोला जाए।
खाद्य आयुक्त ने निर्देश दिया है कि राजस्व विभाग के कर्मचारी जैसे लेखपाल, कृषि विभाग व मंडी परिषद के कर्मचारी इत्यादि का सहयोग लेकर कृषकों को सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं विक्रय हेतु प्रेरित किया जाए।उन्होंने कहा है कि सहकारिता क्षेत्र की कई एजेंसियों हेतु निर्धारित गेहूं क्रय लक्ष्य को एडीओ सहकारिता के मध्य भी विभाजित कर दिया जाए एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों का गेहूं क्रय में सक्रिय सहयोग लिया जाए।