नई दिल्ली: मैं आगे बढ़कर पोषण अभियान का नेतृत्व करने के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभारी हूं। वास्तव में यह उनका विचार था कि जब तक हम कुपोषण दूर करने के अपने प्रयासों को जन आंदोलन के रूप में नहीं बदलेंगे, तब तक ये प्रयास सीमित रूप में ही सफल होंगे।
पिछले 4 वर्षों में हम समस्याओं को समग्र रूप में देखने के लिए एकत्रित कर रहे हैं ताकि कुपोषण के विरूद्ध लडा़ई मिशन मोड में चलाई जा सके। हमने सबसे पहले आईसीडीएस कार्यक्रम के लाभार्थियों के लिए दैनिक लागत कसौटी में बढ़ोतरी के विषय को लिया। दूसरी समस्या टेक्नोलॉजी आधारित आंगनवाड़ी सेवाओं की रियल टाइम निगरानी प्रणाली थी। इन दोनों को व्यवस्थित कर दिया गया है। तीसरा पक्ष फर्जी लाभार्थियों की पहचान और उनको समाप्त करने का है। यह जारी प्रक्रिया है। हमने अपनी प्रणाली से लगभग 1 करोड़ फर्जी लाभार्थियों को हटा दिया है। आज मानदेय बढ़ाने के चौथे विषय पर माननीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषणा की गई है। यह आंगनवाड़ी कर्मियों की पुरानी मांग है। आंगनवाड़ी कर्मियों तथा आंगनवाड़ी सहायकों के मानदेय वर्तमान की तुलना में डेढ़ गुणा बढ़ाया जा रहा है। आंगनवाड़ी कर्मियों को प्रतिमाह 3000 रूपये के स्थान पर 4500 रूपये दिए जाएंगे। मिनी आंगनवाड़ी कर्मी को 2250 रूपये के स्थान पर 3500 रूपये दिए जाएंगे और आंगनवाड़ी सहायक को प्रतिमाह 1500 रूपये के स्थान पर 2250 रूपये दिए जाएंगे। इससे उनके मनोबल बढेंगे और इन अग्रणी कर्मियों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं की डिलिवरी सुधार में मदद मिलेगी और अंतत: पोषण अभियान के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
इन कदमों के साथ हमने पोषण अभियान लांच किया है और हम सभी लक्षित लाभार्थियों के अच्छे स्वास्थ्य और स्वच्छ पोषाहार के संदेश को आगे ले जा रहे हैं। मैं मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों के प्रति आभारी हूं जिन्होंने पोषण अभियान में हमारे साथ साझेदारी की। हम जमीनी स्तर पर महिला और बाल विकास, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, जनजातीय मामले, मानव संसाधन विकास, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालयों की ओर से मिलीजुली सरकारी सेवाएं प्रदान करे रहे हैं। इन सभी प्रयासों का उद्देश्य यह संदेश देना है कि बच्चों का स्वास्थ्य और उनकी समृद्धि सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।