नई दिल्ली: 1 सितम्बर, 2016 को समाप्त हुए सप्ताह में देश के 91 बड़े जलाशयों में उपलब्ध जल की मात्रा 105.248 बीसीएम थी, जो इन जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता की तुलना में 67 प्रतिशत है। यह बीते साल समान अवधि में 114 प्रतिशत और बीते दस साल की समान अवधि में औसतन 99 प्रतिशत रहा था।
इन 91 जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता लगभग 157.799 बीसीएम है, जो भारत की कुल भंडारण क्षमता 253.388 बीसीएम की लगभग 62 प्रतिशत ही है, जो अनुमानित तौर पर भारत में तैयार की गई है। इन 91 में 37 जलाशयों से 60 मेगावाट से ज्यादा स्थापित क्षमता की पनबिजली का लाभ भी लिया गया है।
क्षेत्रवार भंडारण की स्थिति-
उत्तरी क्षेत्र
उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान शामिल हैं। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के पर्यवेक्षण के अंतर्गत आने वाले 6 जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 18.01 बीसीएम है। इन जलाशयों में फिलहाल 13.91 बीसीएम जल का भंडार है, जो इन जलाशयों की कुल क्षमता की तुलना में महज 77 प्रतिशत ही है। इन जलाशयों में बीते साल की समान अवधि में भंडारण 92 प्रतिशत और बीते 10 साल के दौरान औसत भंडारण 79 प्रतिशत था। इस प्रकार इस साल बीते साल की समान अवधि की तुलना में भंडारण कम है और बीते 10 साल के दौरान समान अवधि में औसत भंडारण की तुलना में भी कम है।
पूर्वी क्षेत्र
पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा आते हैं। यहां सीडब्ल्यूसी के पर्यवेक्षण के अधीन आने वाले कुल 15 जलाशयों की भंडारण क्षमता 18.83 बीसीएम है। इनमें वर्तमान में कुल जल का भंडारण 12.49 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल क्षमता का लगभग 66 प्रतिशत ही है। बीते साल समान अवधि में भंडारण 57 प्रतिशत रहा था और बीते 10 साल की समान अवधि में औसतन 61 प्रतिशत रहा था। इस प्रकार वर्तमान वर्ष में बीते साल की तुलना में भंडारण बेहतर है, और यह बीते 10 साल की समान अवधि में हुए औसत भंडारण बढि़या है।
पश्चिमी क्षेत्र
पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात और महाराष्ट्र शामिल हैं। इनमें सीडब्ल्यूसी के पर्यवेक्षण में आने वाले 27 जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 27.07 बीसीएम है। इन जलाशयों में इस समय कुल भंडारण लगभग 20.03 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल क्षमता की तुलना में 74 प्रतिशत ही है। बीते साल समान अवधि में इन जलाशयों में कुल भंडारण 58 प्रतिशत था और बीते 10 साल के दौरान समान अवधि में औसतन 69 प्रतिशत रहा था। इस प्रकार वर्तमान वर्ष में भंडारण पिछले साल की तुलना में बेहतर है और यह बीते 10 साल के औसत की तुलना में भी बेहतर है।
मध्य क्षेत्र
मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। यहां पर सीडब्ल्यूसी के पर्यवेक्षण में आने वाले 12 जलाशयों की कुल क्षमता 42.30 बीसीएम है। वर्तमान वर्ष में इन जलाशयों में कुल भंडारण 35.94 बीसीएम है, जो कुल क्षमता का 85 प्रतिशत ही है। इन जलाशयों में बीते साल समान अवधि में भंडारण 76 प्रतिशत और बीते 10 साल में समान अवधि के दौरान औसतन 62 प्रतिशत रहा था। इस प्रकार वर्तमान वर्ष में भंडारण बीते साल की समान अवधि की तुलना में अधिक रहा है और पिछले 10 साल की समान अवधि के औसत की तुलना में भी यह बेहतर है।
दक्षिणी क्षेत्र
दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना (दोनों राज्यों की सम्मिलित परियोजना), कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु आते हैं। यहां सीडब्ल्यूसी के पर्यवेक्षण में आने वाले 31 जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 51.59 बीसीएम है। इन जलाशयों में फिलहाल कुल 22.88 बीसीएम जल का भंडार है, जो कुल इन जलाशयों की कुल क्षमता का 44 प्रतिशत ही है। पिछले साल की समान अवधि में इन जलाशयों में भंडारण 34 प्रतिशत और पिछले 10 साल में समान अवधि में औसतन 69 प्रतिशत रहा था। इस प्रकार वर्तमान वर्ष में भंडारण बीते साल की तुलना में बेहतर है लेकिन बीते 10 साल के औसत की तुलना में कम रहा है।
पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा भंडारण वाले राज्यों में पंजाब, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना (दोनों राज्यों की संयुक्त परियोजनाएं), आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक हैं। केरल में पिछले वर्ष के समान है भंडारण है। पिछले वर्ष की तुलना कम भंडारण वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, उत्तराखंड और तमिलनाडु हैं।