केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने कहा कि स्वतंत्र निदेशक एक उद्देश्यपूर्ण दृष्टिकोण लेकर आते हैं और हितधारकों विशेष रूप से अल्पांश शेयरधारकों के हितों की रक्षा करते हैं। भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) द्वारा आज यहां विज्ञान भवन में कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर आयोजित निदेशकों की बैठक को संबोधित करते हुए डॉ. पांडे ने कहा कि स्वतंत्र निदेशक सीपीएसई में ‘कॉर्पोरेट गवर्नेंस’ सुनिश्चित करने के लिए काफी अहम अधिकारी हैं क्योंकि वे रणनीति, प्रदर्शन और जोखिम प्रबंधन के मुद्दों पर बोर्ड को स्वतंत्र फैसले देते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सीपीएसई कंपनियों में बहुलांश शेयरधारक होने के कारण सरकार के प्रमुख कार्यों में से एक नियमित रूप से उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन करना है, जिससे मुख्य उद्देश्यों को पूरा करने की दिशा में उनके प्रभाव का आकलन करना जिनके लिए उनकी स्थापना की गई है। प्रदर्शन मूल्यांकन व्यवस्था यानी समझौता ज्ञापन (एमओयू) मूल्यांकन व्यवस्था से एक कंपनी के प्रदर्शन का पता चलता है।
उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन (एमओयू) सीपीएसई की स्वामी के रूप में सरकार और सीपीएसई के प्रबंधन के बीच एक समझौता दस्तावेज है। एमओयू मूल्यांकन से सीपीएसई कंपनियां परिणाम हासिल पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम हुई हैं। सरकार के जीईएम, एमएसएमई क्षेत्र आदि से खरीद जैसे प्राथमिक कार्यक्रमों को हाल में एमओयू में शामिल किया गया है।
डॉ. पांडे ने कहा कि प्रतिस्पर्धी परिदृश्य के चलते सीपीएसई को चुनौतीपूर्ण दौर का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए, कंपनियों के विकास से लिए इन चुनौतियों को अवसरों में बदलने के लिहाज से यह अच्छा समय है। उन्होंने कुछ प्रमुख बिंदुओं पर जोर दिया, जो लक्ष्यों को हासिल करने में सहायक हो सकते हैं :
-
सभी परियोजनाओं को समय से पूरा करने को अधिकतम महत्व दिया जाए, जिससे लागत में बढ़ोतरी से बचने के अलावा समय से राजस्व प्राप्त होना शुरू हो जाए।
-
सीपीएसई को माननीय प्रधानमंत्री के “आत्म निर्भर भारत” की परिकल्पना के क्रम में स्वदेशीकरण और राष्ट्र को वैश्विक विनिर्माण हब बनाने की दिशा में निरंतर कार्य करना चाहिए। उन्होंने सभी सीपीएसई के लिए प्रधानमंत्री के मंत्र को दोहराया : “प्रदर्शन, सुधार और परिवर्तन” (परफॉर्म, रिफॉर्म एंड ट्रांसफॉर्म)।
-
आजादी का अमृत महोत्सव के आयोजन के तहत, भारी उद्योग मंत्रालय ने अपनी सीपीएसई और स्वायत्त संस्थाओं के साथ मिलकर नवाचार, विनिर्माण उत्कृष्टता, आत्म निर्भर भारत, पर्यावरण एवं स्थायित्व, स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, स्वतंत्रता संग्राम के अनसुने नायक आदि के क्षेत्रों में एक्शन@75, एचीवमेंट@75, आईडिया@75, रिसॉल्व@75 आदि विषयों पर कार्यक्रमों और गतिविधियों की श्रृंखला के आयोजन की योजना बनाई है। उन्होंने सभी सीपीएसई के निदेशकों से इन गतिविधियों को उचित महत्व देते हुए इनकी निगरानी करने का अनुरोध किया है।
कार्यक्रम के दौरान, भारी उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाली निम्नलिखित सीपीएसई के सीएमडी ने ‘एमओयू प्रदर्शन और आगे की राह’ पर अपने-अपने प्रस्तुतीकरण दिए, जिसके बाद स्वतंत्र निदेशकों के साथ विचार-विमर्श और प्रश्न एवं उत्तर कार्यक्रम हुए :
-
भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (बीएचईएल)
-
ब्रिज एंड रूफ कंपनी लि. (बीएंडआर)
-
इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लि. (ईपीआईएल)
-
ब्रेथवेट बर्न एंड जेस्सोप कंस्ट्रक्शन कंपनी लि. (बीबीजे)
-
एंड्रू यूल एंड कंपनी लि. (एवाईसीएल)
-
हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लि. (एचईसी)
-
सीमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लि. (सीसीआई)
-
एचएमटी लि. (एचएमटी)
-
एचएमटी (इंटरनेशनल) लि.
-
एचएमटी मशीन टूल्स लि.
-
हिंदुस्तान साल्ट्स लि. (एचएसएल)
-
सांभर साल्ट्स लि. (एसएसएल)
-
राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रुमेंट्स लि. (आरईआईएल)
-
इंस्ट्रुमेंटेशन लि. (आईएल)
-
एनईपीए लि.