21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत-अफ्रीका संबंध अफ्रीका की प्राथमिकताओं के अनुसार बढ़ेंगे: उपराष्ट्रपति

देश-विदेश

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने कहा कि भारत-अफ्रीका संबंध अफ्रीकी देशों के विकास ऐजेंड़े और प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए ही आगे विकसित होंगे। उन्होंने कहा हमारे मैत्रीपूर्ण संबंधों का उद्देश्य अफ्रीका के अंतर्निहित सामर्थ्य को मुक्त करना है। उपराष्ट्रपति – ICWA द्वारा नई दिल्ली में “बदलती वैश्विक व्यवस्था में भारत-अफ्रीका संबंध” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय कांफ्रेंस के समापन पर संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत, सफल डिजिटल क्रांति के अपने अनुभवों को अफ्रीका के साथ साझा करने के लिए तत्पर है। उन्होंने कहा कि भारत जनसेवाओं के विस्तार, जन स्वास्थ्य और शिक्षा, डिजिटल साक्षरता, वित्तीय समावेश तथा दुर्बल वर्गों को समाज की मूलधारा में जोड़ने के बारे में अपने अनुभवों का लाभ अफ्रीका को उपलब्ध करा सकता है। भारत कृषि के क्षेत्र में अफ्रीका को सहयोग दे सकता है जहां विश्व की 60% कृषि योग्य भूमि स्थित है परंतु विश्व के कुल कृषि उत्पादन का 10% ही अफ्रीका में पैदा होता है।

उपराष्ट्रपति श्री नायडु ने कहा कि भारत और अफ्रीका ने उपनिवेशवाद के विरूद्ध साझा लड़ाई लड़ी है और हम एक ऐसी लोकतांत्रिक वैश्विक व्यवस्था चाहते है जिसमें भारत और अफ्रीका में बसने वाली विश्व की एक तिहाई जनसंख्या को स्वर मिल सके। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि अफ्रीका महात्मा गांधी की पहली कर्मभूमि थी जहां समानता, सम्मान और न्याय के लिए उनके आरंभिक संघर्ष ने, भारत और अफ्रीका के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों को और प्रगाढ़ कर दिया। उपराष्ट्रपति ने संतोष व्यक्त किया कि राष्ट्रपिता की 150वीं जन्म जयंती के अवसर पर इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस संगोष्ठी में भारत-अफ्रीका संबंध, प्रशासन और भू-राजनीति, विकास और आर्थिक सहयोग, प्रवासी मुद्दे, सुरक्षा के साझा मुद्दे, मीडिया, संस्कृति तथा शिक्षा के क्षेत्र में आदान-प्रदान तथा भारत में अफ्रीकी अध्ययन को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर चर्चा की गई।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि अफ्रीका से हमारे महत्वपूर्ण व्यापारिक और आर्थिक संबंध रहे हैं फिर भी इनको और विस्तृत तथा व्यापक करने की काफी संभावना है। उन्होंने कहा कि अफ्रीकी महाद्वीपीय मुक्त व्यापार समझौता हो जाने के बाद अफ्रीका विश्व का सबसे बड़ा मुक्त व्यापार क्षेत्र बन जायेगा। भारत को इस क्षेत्र से अपने व्यापारिक आर्थिक संबंध बढ़ाने चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यदि भारत शीघ्र ही 5 ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था बनने के प्रयास कर रहा है तो अफ्रीका का ऐजेंडा 2063 इसका पूरक बन सकता है। इस संदर्भ में श्री नायडु ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रतिपादित देश की दस – सूत्रीय अफ्रीका नीति की चर्चा करते हुए कहा कि हमारी नीति का लक्ष्य है कि अफ्रीका के साथ अपने संबंधों को निरंतर प्रगाढ़तर किया जाय।

हाल के वर्षों में भारत और अफ्रीका के बीच उच्चस्तरीय शासकीय दौरों में तेजी आयी है। 2015 के बाद से दोनों पक्षों के बीच लगभग 70 उच्चस्तरीय शासकीय दौरे हुए हैं। भारत ने हाल के वर्षों में अफ्रीका में 6 नये मिशन स्थापित किये हैं।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने श्री दिलीप सिन्हा द्वारा लिखित “शक्ति की मान्यता : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद” तथा सुश्री भास्वती मुखर्जी लिखित “भारत और यूरोपीय संघ : एक अंतरंग दृष्टिकोण” इन दो पुस्तकों का लोकार्पण भी किया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More