एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और भारत
सरकार ने मध्य प्रदेश राज्य में बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए आज 270 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत पानी की आपूर्ति, भारी बारिश के पानी और सीवेज प्रबंधन के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने और शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की क्षमताओं को मजबूत किया जाएगा।
यह मध्य प्रदेश शहरी सेवा सुधार परियोजना के दायरे को बढ़ाने के लिए एक अतिरिक्त धनराशि होगी। 275 मिलियन डॉलर के इस ऋण को 2017 में ही मंजूरी दी गई थी। यह मौजूदा परियोजना के नतीजों को विस्तार देगा और 64 छोटे अतिरिक्त शहरों को कवर करके 1,85,000 परिवारों के करीब 1.3 मिलियन लोगों को लाभान्वित करेगा।
ऋण समझौते पर वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव (फंड बैंक और एडीबी) श्री समीर कुमार खरे ने भारत सरकार की ओर से तथा एडीबी की तरफ से एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर श्री टेको कोनिशी ने हस्ताक्षर किए।
ऋण समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद श्री खरे ने कहा कि इस परियोजना के तहत चुने गए शहरों में रहने वाले लोगों के लिए पानी की आपूर्ति और साफ–सफाई जैसी बुनियादी सेवाओं में सुधार होगा। यह 2025 तक शहरी स्थानीय निकायों में सभी को पाइप से जलापूर्ति करने के साथ ही शहरी बुनियादी ढांचे की सेवाओं में सुधार के मध्य प्रदेश सरकार के विजन से जुड़ा हुआ है।
श्री कोनिशी ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से, एडीबी नए दृष्टिकोण के साथ ही 100 प्रतिशत घरों में मीटर, पूर्ण संचालन और रखरखाव पर खर्च की वसूली और गैर–राजस्व पानी को कम करने के लिए सार्वभौमिक कवरेज समेत मौजूदा परियोजना की अच्छी चीजों को जारी रखेगा। शहरी गरीबों के लिए पानी और स्वच्छता सेवाओं का प्रावधान सतत विकास लक्ष्य 6 को प्राप्त करने या स्वच्छ जल की उपलब्धता तथा सभी के लिए स्वच्छता में मदद करेगा। इस परियोजना को बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन से भी सहयोग मिलेगा, विशेष रूप से स्वच्छता उपपरियोजनाओं में योजना, डिजाइन, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव में सिटीवाइड समावेशी स्वच्छता सिद्धांतों के एकीकरण के लिए।
पिछले ऋण की तरह, यह परियोजना शहरी विकास एवं आवास विभाग और मध्य प्रदेश शहरी विकास कंपनी लिमिटेड की निरंतर संस्थागत मजबूती और क्षमता निर्माण में सहयोग करेगी। यह परियोजना दो शहरी स्थानीय निकायों के शहरी सेवा वितरण और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एकीकृत शहरी विकास दृष्टिकोण का नेतृत्व करेगी। एडीबी का तकनीकी सहयोग एक महत्वपूर्ण मॉडल प्रदान करेगा, जिसका उपयोग दूसरे क्षेत्रों में शहरी जीवन में सुधार के लिए इसे दोहराने और बढ़ाने में किया जा सकता है।
एडीबी समृद्ध, समावेशी, आत्मनिर्भर और स्थिर एशिया और प्रशांत क्षेत्र बनाने में योगदान के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही अत्यधिक गरीबी को मिटाने के अपने प्रयासों को जारी रखे हुए है। इसकी स्थापना 1966 में हुई थी। इसके 68 सदस्य हैं, जिसमें से 49 इस क्षेत्र से हैं।