नई दिल्ली: केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने देश में मीडिया के विभिन्न रूपों के तेजी से विस्तार को देखते हुए देश की अखंडता और संप्रभुता को सुनिश्चित करने और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न घटनाओं पर रिपोर्टिंग प्रतिस्पर्धा के संदर्भ में आत्म-नियमन और उचित संयम बनाए रखने पर जोर दिया है। उन्होंने आज चेन्नई में दो दिवसीय ‘’क्षेत्रीय संपादक सम्मेलन’’ के उद्घाटन के बाद मीडिया की कार्यप्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
श्री वेंकैया नायडू ने कहा कि देश की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विविधता को देखते हुए किसी प्रकार का विभाजकारी संप्रेषण न हो यह सुनिश्चित करने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और उचित प्रतिबंधों के बीच संतुलन की आवश्यकता है। श्री नायडू ने कहा कि इस दिशा में मीडिया द्वारा स्व-विनियमन उपयोगी हो सकता है। उन्होंने ‘त्वरित संचार‘ की बढ़ती मजबूरी के बावजूद भी मीडिया को वास्तविक रिपोर्टिंग से दूर नहीं होना चाहिए।
श्री नायडू ने नागरिकों को आवश्यक जानकारी देने के साथ ही देश की सशक्त प्रगति में एक भागीदार के रूप में अपनी भूमिका प्रभावी ढंग से निभाने की मीडिया से अपील की। श्री नायडू ने कहा कि केंद् और राज्य सरकारों के विकास कार्यक्रमों की सफलता लोगों को बड़े पैमाने पर लामबंद करने पर निर्भर है जिसमें मीडिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। श्री नायडू ने कहा इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने राष्ट्र के शासन में संचार को एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में रखा गया है।
देश में मीडिया की बढ़ती भूमिका को देखते हुए श्री नायडू ने कहा कि मीडिया की प्रथम जिम्मेदारी देश और समाज के प्रति है। उन्होंने कहा कि मीडिया के नए रूपों के उभरने के बावजूद, प्रिंट मीडिया निरंतर वृद्धि कर रहा है। श्री नायडू ने उल्लेख किया कि क्षेत्रीय मीडिया ने शानदार तरीके से सरकारों को जोड़ने का कार्य किया है और क्षेत्रीय और स्थानीय मुद्दों पर अपना ध्यान केंद्रित करने के लिए लोगों को निकटता बनाकर रखी है।
श्री वेंकैया नायडू ने सामाजिक और राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता पर असर डालने वाले मुद्दों पर सार्वजनिक बहस के राजनीतिकरण पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार इंसानों के लिए होते हैं आतंकवादियों के लिए नहीं। इनकी पहचान जाति या धर्म के रूप नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि त्वरित अधिनिर्णय की जरूरत है लेकिन इन्हें जाति या धर्म के आधार पर नहीं किया जा सकता। मीडिया को इस तरह की घटनाओं पर रिपोर्ट करते समय स्वयं आत्म विवेचन करना चाहिए।
इस अवसर पर तमिलनाडू के सूचना एवं प्रचार मंत्री श्री कदम्बुर राजू ने राज्य सरकार की विकासात्मक पहलों का उल्लेख करते हुए कहा कि मीडिया की प्रभावी कार्यप्रणाली और सकारात्मक भूमिका के लिए अनुकूल वातावरण बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं और मीडिया के द्वारा इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाई जा रही है।
पत्र सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित इस दो दिवसीय क्षेत्रीय संपादक सम्मेलन का उद्देश्य दक्षिणी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के वरिष्ठ पत्रकारों के साथ तटीय सुरक्षा, वाणिज्य एवं उद्योग, जहाजरानी एवं राजमार्ग विकास जैसी नई पहलों पर भारत सरकार के निष्पादन और अवधारणाओं के दृष्टिकोण को साझा करना है।
इस सम्मेलन में करीब 100 मीडियाकर्मियों भाग ले रहे।