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उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं पर वैश्विक जोखिमों के नकारात्मक प्रभावों में कमी लाने के लिए भारत ने जी-20 देशों का आह्वान किया

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नई दिल्ली: अर्जेंटाइन प्रेसीडेंसी, 2018 के तहत अंतिम जी-20 वित्त मंत्रियों की बैठक और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की बैठक 11-12 अक्टूबर, 2018 को इंडोनेशिया की राजधानी बाली में आयोजित हुईं। साथ ही, दक्षिण अफ्रीकी चेयरमैनशिप, 2018 के तहत अंतिम ब्रिक्स डिप्यूटियों की बैठक भी बाली में हुई। यह बैठकें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष/फंड बैंक की वार्षिक बैठकों के साथ-साथ आयोजित हुईं।

      जी-20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक

      जी-20 वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने की प्रमुख चुनौतियों, एक मजबूत अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना को बढ़ावा देने, वित्तपोषण के लिए बुनियादी सुविधा का विकास करने, अफ्रीकी देशों से संपर्क बढ़ाने के साथ ही जीपीएफआई प्रगति को सुसंगत बनाने पर केन्द्रित थी।

भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में सचिव श्री सुभाष चन्द्र गर्ग ने अपने भाषण में कहा कि व्यापारिक तनावों, वित्तीय कमजोरियों और तेल की कीमतों से संबंधित जोखिमों के प्रभाव सामने आए हैं और उभरते बाजार वाली अर्थव्यवस्थाओं पर इसका अधिक प्रभाव पड़ा है। श्री सुभाष चन्द्र गर्ग ने इसके लिए जी-20 देशों की ओर से समन्वित कार्य करने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि इससे उभरते बाजारों वाली अर्थव्यवस्थाओं पर मंडराते वैश्विक जोखिमों के नकारात्मक प्रभावों में कमी लाना संभव हो सकता है। श्री गर्ग ने विकासशील बुनियादी सुविधाओं पर आधारित अर्जेंटाइन प्रेसीडेंसी के तहत कार्य की प्रगति की सराहना की।

ब्रिक्स के वित्त डिप्यूटियों की बैठक

ब्रिक्स के वित्त डिप्यूटियों की बैठक वर्ष 2018 में ब्रिक्स फोरम द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ ब्राजील के आगामी 2019 ब्रिक्स चेयरमैनशिप के कार्यक्रमों के तौर-तरीके के बारे में विचार-विमर्श पर केन्द्रित थी। वित्त मंत्रालय के अनुसार, विचार-विमर्श के मुख्य मुद्दों में न्यू डेवलपमेंट बैंक की सदस्यता का विस्तार, न्यू डेवलपमेंट बैंक के पेड-इन कैपिटल के भुगतान का कार्यक्रम, ब्रिक्स पीपीपी कार्यबल का कार्य और ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी पर एक आम सहमति विकसित करने की संभावना का परीक्षण शामिल थे।

आर्थिक कार्य विभाग के सचिव ने अपने भाषण में न्यू डेवलपमेंट बैंक की सदस्यता के विस्तार के लिए भारत की ओर से समर्थन का आश्वासन दिया। इसके अलावा उन्होंने ब्रिक्स के डिप्यूटियों का आह्वान करते हुए कहा कि वे न्यू डेवलपमेंट बैंक की सदस्यता विस्तार योजना को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही न्यू डेवलपमेंट बैंक बोर्ड प्रबंधन के साथ सदस्यता विस्तार की प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देने के बारे में अपना कार्य जारी रख सकता है।

अन्य बैठकें

जी-20 और ब्रिक्स की बैठक के अलावा आर्थिक कार्य विभाग के सचिव ने जी-24 मंत्रिस्तरीय बैठक में भी हिस्सा लिया, जो अपनी 100वीं बैठक थी। इसके अलावा सचिव ने जी-20 इतालवी वित्त डिप्यूटी श्री एलेसान्द्रो रिवीएरा, अमरीकी ट्रेजरी के अंडर सेक्रेटरी श्री डेविड मेलपास, यूरोपियन कमीशन के महानिदेशक श्री मार्को बूटी आदि के साथ भी द्विपक्षीय बैठकों में भी हिस्सा लिया।

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