27 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

India/China conflict: चीन समुद्री रास्ते से भारत में घुसने की फिराक में

देश-विदेश

पकिस्तान से चीन की गहरी दोस्ती भारत के लिए बड़ा खतरा बन सकती हैं। वह समुद्री रास्ते से भारत में घुसने की फिराक में है। चीन बहुत सोची समझी रणनीति के तहत धीरे-धीरे हिंद महासागर के इलाके में अपना प्रभुत्‍व कायम कर रहा है। बता दें सामरिक लिहाज से पूरा समुद्री इलाका बेहद अहम है। इसलिए इस समुद्री क्षेत्र पर चीन की हमेशा से बुरी नजर रही है।

हिंद महासागर में चीन की नौसेना के बढ़ते दखल पर भारतीय नौसेना चिंता भी जाहिर कर चुकी है। इसका अंदेशा भारत और अमेरिका दोनों देशों को हुआ चुका है इससे निपटने के लिए दोनों देशों ने रणनीति बनानी शुरु कर दी है। इस विषय भारत और अमेरिका शीर्ष पर अधिकारियों के बीच हिंद महासागर, प्रशांत और एशिया महासागर क्षेत्र से जुड़े समुद्री सुरक्षा सहयोग को और बढ़ाने में जुट गए हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार इस संबंध में सचिव स्तर पर दो दिवसीय मीटिंग भीआयोजित की जा रही है।

दक्षिण और मध्‍य एशियाई मामले के लिए सहायक सचिव एलिस वेन्‍स और एशियाई प्रशांत क्षेत्र मामलों के रक्षा सचिव के सहायक रान्‍डेल अपने भारतीय समकक्ष के साथ वर्ता कर रहे हैं। विदेश विभाग ने कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए यह वार्ता काफी अहम है।

एशिया- प्रशांत एवं हिंद महासागर में चीन के दखल को देखते हुए यह बैठक अहम मानी जा रही है। जिस तरह से इस समुद्री इलाके में चीन का दखल बढ़ रहा है, उससे यहां सामरिक संतुलन को खतरा उत्‍पन्‍न हो गया है।भारत और अमेरिका के लिए यह बेहद संवेदनशील मामला है। दोनों देशों की वार्ता पर चीन की पैनी नजर रहेंगी।

मालूम हो कि विगत माह हिंद महासागर में चीन की नौसेना के बढ़ते दखल पर भारतीय नौसेना ने भी चिंता जाहिर की थी। भारतीय नेवी चीफ ऐडमिरल करमबीर सिंह ने कहा था कि अब भारतीय सेनाओं को चीन को जवाब देने का वक्‍त आ गया है।

उन्‍होंने कहा कि चीन ने अपनी पीपल्‍स लिबरेशन आर्मी की नेवी इकाई को अत्‍याधुनिक हथियार एवं संसाधन भेजे हैं। चीन के इस प्‍लान से भारत को सतर्क हो जाना चाहिए। जुलाई में चीन ने अपने सैन्‍य विकास के लिए एक श्‍वेत पत्र जारी किया था। नेवी चीफ ने इसे भारत के लिए खतरे की घंटी करार दिया था।

कराची में नौसैनिक टर्नअराउंड सुविधाएं जारी रखने के बाद हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना के घुसपैठ को नजरअंदाज करना भारत के लिए बहुत जोखिम भरा हो सकता है। इस क्षेत्र में चीन ने अपने छह से आठ युद्धपोत लगा रखे हैं। इस तरह से चीन ने हाल ही में म्‍यामांर में बंगाल की खाड़ी पर बंदरगाह निर्माण करने के लिए बड़ा निवेश कर रहा है। सामरिक दृष्टि से यह इलाका बे‍हद अहम है। हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में अपना प्रभुत्‍व कायम कर वह भारत को घेरने की तैयारी में है।

चीन अपनी चाल से समुद्री इलाके में अपना प्रभुत्‍व कायम करने के लिए द्वीपीय देशों के साथ सैन्‍य संबंधों को मजबूत करने में लगा हुआ है। हिंद महासागर में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए उसने श्रीलंका को एक युद्ध पोत उपहार में देकर और रेल के डिब्‍बे और इंजन बनाने की कंपनी बनाने की घोषणा करके अपनी नीति को आगे बढ़ रहा है। श्रीलंका पर भारी कर्ज थोपने के बाद चीन ने वर्ष 2017 में उसका हंबनटोटा पोर्ट का अधिग्रहण कर लिया। उसके बाद से ही उसकी नजर इस क्षेत्र में अपना दबदबा बढ़ाने पर है। चीन लगातार हिंद महासागर में नौसेना मौजूदगी बढ़ा रहा है। श्रीलंका के जिबूती में एक बेस तैयार कर चुका है। इसे चीन अपना लॉजिस्टिक्‍स बेस बताता है। News source: oneindia

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More