नई दिल्ली: श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि भारत सतत विकास, पारदर्शी सुशासन और जवाबदेही को हासिल करने के लिए समावेशी वृद्धि की दिशा में प्रतिबद्ध है। पहले सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5 प्रतिशत से भी कम थी, लेकिन अब यह एक वर्ष में बढ़कर 7.4 प्रतिशत हो गई है। श्री दत्तात्रेय ने 12 जून को जिनेवा में आईएलसी 2015 के 104वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र प्रारूपों के उद्देश्यों के तहत सतत विकास को हासिल करने में समावेशी वृद्धि की दिशा में गरीबी उन्मूलन तथा रोजगार सृजन प्राथमिक उद्देश्य हैं।
उन्होंने कहा कि भारत विश्व के सबसे तेजी से वृद्धि करते देशों में शुमार है, जिसके पास बहुत विशाल घरेलू एवं मांग आधारित बाजार है। भारत के पास 29 वर्ष से कम सबसे अधिक युवा आबादी (58 प्रतिशत) है।
मंत्री महोदय ने कहा कि बाल श्रम के उन्मूलन के मुद्दे पर भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है और 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से काम कराए जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाए जाने के लिए संसद में एक विधेयक लाया जा रहा है। बल श्रम की समस्या से निपटने के लिए एक मजबूत बहुविध रणनीति अपनाई जा रही है, जिसमें वैधानिक एवं विधिक उपाय, बचाव एवं पुनर्वास और सार्वभौमिक शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा, गरीबी निराकरण एवं रोजगार सृजन जैसी योजनाएं हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में विभिन्न प्रयासों जैसे –मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए श्री दत्तात्रेय ने कहा कि घरेलू उद्योग को प्रोत्साहित करने को वैश्विक स्तर पर वृहत निवेश को आकर्षित करने की दिशा में ‘मेक इन इंडिया’ किसी भी सरकार का सबसे विशिष्ट प्रयत्न है।