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भारत मध्य पूर्व में आईआईटी/आईआईएम के विदेशी परिसर बनाने की संभावनाएं तलाश रही है : श्री गोयल

देश-विदेश

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज छात्रों से स्थायित्व को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण तत्व बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्थायित्व ही इस पृथ्वी का भविष्य निर्धारित करने जा रहा है। वह क्राइस्ट विश्वविद्यालय, बेंगलुरु में दक्ष 2023 के उद्घाटन समारोह को वीसी के माध्यम से संबोधित कर रहे थे।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री गोयल से सभी से “लाइफ- पर्यावरण के लिए जीवन शैली” अपनाने को भी कहा, जिससे दैनिक जीवन में सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर ध्यान देने की शुरुआत की जा सके और साथ ही अपशिष्ट को खत्म करने और पुनर्रचक्रीकरण एवं पुनः उपयोग की शुरुआत हो सके।

छात्रों को नए भारत का मुख्य उत्प्रेरक बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार सिर्फ एक संबल के रूप में काम कर सकती है, एक माहौल उपलब्ध करा सकती है और अर्थव्यवस्था को मजबूती दे सकती है, कारोबारी सुगमता को सुविधाजनक बना सकती है, प्रौद्योगिकी/ डिजिटल कनेक्टिविटी की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कर सकती है, विश्वविद्यालयों में सुधार कर सकती है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह सब अधिकतम अच्छे हो सकते हैं अगर हम इन्हें पर्यावरण को बेहतर बनाने में उपयोग करें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अग्रणी बनने के लिए सीखने की एक यात्रा निरंतर जारी रहनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि क्राइस्ट विश्वविद्यालय कल के लीडर्स का निर्माण करेगा, जो पूरे विश्व में भारतीय ध्वज को गौरवान्वित करेंगे। उन्होंने उनसे नवाचार के अगुवा बनने और जो भी काम करना चाहते हैं, उनमें बहुत ऊंचे लक्ष्य निर्धारित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हम सभी जीवन भर के लिए छात्र हैं, हर कदम पर नई चीजें सीखते रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बेंगलुरु ने अंतरिक्ष, ई-कॉमर्स, डिजिटल भुगतान, एग्रीटेक में एक विशाल स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाया है और दुनिया भर में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में उभरा है। उन्होंने छात्रों से भविष्य को आत्मविश्वास के साथ अपनाने, उभरते हुए परिवर्तनों को अपनाने और यह पता लगाने के लिए कहा कि हम कैसे अधिक प्रासंगिक बन सकते हैं और आम आदमी के जीवन को प्रभावित कर सकते हैं।

श्री गोयल ने कहा कि इतने वर्षों में देश ने गुणवत्ता को उस उत्साह के साथ नहीं अपनाया है, जैसा हमें करना चाहिए था। उन्होंने सभी से गुणवत्ता के ब्रांड एंबेसडर बनने और गुणवत्ता के महत्व के संदेश को फैलाने का आग्रह किया, ताकि हम सभी उपभोक्ताओं के रूप में गुणवत्ता पर जोर देना शुरू कर सकें और अर्थव्यवस्था के हितधारकों के रूप में वस्तुओं और सेवाओं में गुणवत्ता की पेशकश कर सकें।

अपनी बात को समाप्त करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि हमारा भविष्य एक-दूसरे से जुड़ा हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि साथ मिलकर यह देश दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र में बदल जाएगा। उन्होंने भारत को महाशक्ति बनाने के उद्देश्य की भावना के साथ सभी को एकजुट होने और आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आइए अपने कार्यों को लोगों, प्रगति और पृथ्वी के इर्द-गिर्द केंद्रित करें।”

उद्योग और शिक्षा क्षेत्र की भागीदारी पर एक छात्र के प्रश्न का उत्तर देते हुए, श्री गोयल ने कहा कि 2020 में एनईपी का ऐलान किया गया था लेकिन दुखद रूप से कोविड के कारण कई विश्वविद्यालयों के साथ संपर्क कार्यक्रम नहीं किए जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार दुनिया भर के विश्वविद्यालयों के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ने अपनी रुचि व्यक्त की है और सरकार भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सहयोग का विस्तार करना चाहती है। भारत खाड़ी देशों के साथ भी बातचीत कर रहा है और मध्य पूर्व के देशों में आईआईटी और आईआईएम के विदेशी परिसरों की संभावनाएं खोज रहा है। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलिया और भारत दोनों देशों के छात्रों के लिए संयुक्त डिग्री/दोहरी डिग्री प्रदान करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। भारत दोनों देशों के कॉलेजों के लिए अपतटीय परिसरों के साथ डिग्रियों की पारस्परिक मान्यता और एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए यूके के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने यह भी दोहराया कि सरकार केवल एक संबल के रूप में कार्य करेगी, विश्वविद्यालयों को एक दूसरे के साथ जुड़ना होगा और अपने संचालन का विस्तार करना होगा।

एफटीआई वार्ताओं पर फैसला लेने से जुड़े एक अहम बिंदु पर, श्री गोयल ने कहा कि सरकार नीतियों पर प्रतिक्रिया लेने और अपने कामकाज में सुधार करने में सहायता के लिए ज्यादा से ज्यादा हितधारकों से जुड़ाव में भरोसा करती है। सरकार उद्योग के सामने आने वाली समस्याओं पर शीघ्रता से कदम उठाने और उनका समाधान करने का प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि सरकार स्टार्ट अप इकोसिस्टम और सेवा उद्योग की मदद करने में सफल रही है। इसके अलावा, उन्होंने क्राइस्ट विश्वविद्यालय के प्रबंधन से अपने छात्रों के बीच एक प्रतियोगिता आयोजित करने का आग्रह किया, जिसमें वे सुझाव दे सकें कि सरकार, व्यवसाय, उद्योग को क्या करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सर्वश्रेष्ठ सुझाव देने वालों को पुरस्कृत भी किया जा सकता है।

क्या उत्पादन या महंगाई में बढ़ोतरी के कारण जीएसटी संग्रह बढ़ रहा है, इस प्रश्न पर गोयल ने कहा कि महंगाई एक छोटी वजह हो सकती है लेकिन उन्होंने जोर देकर जीएसटी में बढ़ोतरी के एक बड़े हिस्से का श्रेय आर्थिक गतिविधियों को दिया। उन्होंने कहा कि बढ़ता आयात इस बात का संकेत है कि भारत में आर्थिक गतिविधियां जोर पकड़ रही हैं और यह बढ़ी हुई मांग नए निवेश को प्रोत्साहित करेगी जिससे नए रोजगार सृजित होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि मुद्रास्फीति काफी हद तक ऊर्जा उत्पादों में रही है और भारत अन्य उत्पादों को उचित स्तर पर बनाए रखने में सक्षम रहा है।

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