नई दिल्ली: जल और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग पर गठित भारत-जर्मनी कार्यसमूह की तीसरी बैठक आज नई दिल्ली में संपन्न हो गई। बैठक में भारत के वन, पर्यावरण तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और जर्मनी के पर्यावरण, प्रकृति संरक्षण और परमाणु सुरक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडलों के बीच जल और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग पहले से ही काफी मजबूत है और ज्यादातर क्षेत्रों में भारत को जर्मनी के समकक्ष दक्षता हासिल है। जनवरी 2015 में हुई भारत-जर्मनी पर्यावरण फोरम की दूसरी बैठक में पर्यावरण के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के उपाय किए गए। इस बैठक में जल और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग के लिए दोनों देशों के कार्यसमूहों का गठन किया गया।
भारत-जर्मनी कार्यसमूह की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में अपर सचिव श्री अनिल कुमार जैन ने किया। इसमें केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के विशेषज्ञ तथा संबंधित विभाग और गिज़ इंडिया के प्रतिनिधि भी शामिल थे। श्री जैन ने इस अवसर पर भारत और जर्मनी के बीच जलवायु परिवर्तन और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई। बैठक के नतीजों और प्रस्तावों पर नई दिल्ली में 13 फरवरी को आयोजित होने वाले तीसरे भारत-जर्मनी पर्यावरण फोरम में चर्चा की जाएगी। इस बैठक में दोनों देशों के पर्यावरण मंत्रियों की ओर से कुछ बड़ी घोषणाएं किए जाने की संभावना है। भारत-जर्मनी कार्यसमूह की बैठक में जर्मनी के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीएमयू जर्मनी के जल प्रबंधन और संसाधन संरक्षण विभाग की महानिदेशक डॉ. रेगिना ड्यूब ने किया। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने जल और कचरा प्रबंधन क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर काफी सकारात्मक रूख अपनाया है।
बैठक में दोनों पक्षों ने कपड़ा, वायु और जल संरक्षण, जल स्रोतों में कचरा, कचरे से ऊर्जा बनाने, बायो-मैथेनेशन, कचरों के ढेर तथा जल प्रबंधन के क्षेत्र के लिए संदर्भ दस्तावेज तैयार करने तथा इन क्षेत्रों में स्थानीय निकायों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता विकास के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति जताई।