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डॉ. हर्षवर्धन ने दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन क्षेत्रीय समिति के 72वें सत्र में ‘आपात तैयारी’ पर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन की अध्यक्षता की

देश-विदेश

नई दिल्ली: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया स्वास्थ्य आपात मोचन निधि के तहत स्थिति से निपटने के लिए तैयारी के लिए 200,000 अमेरिकी डॉलर का योगदान करेगा। उन्होंने आज नई दिल्ली में दक्षिण-पूर्व एशिया विश्व स्वास्थ्य संगठन क्षेत्रीय कार्यालय (सियरो) के 72वें सत्र में ‘आपात तैयारी’ पर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन के दूसरे दिन यह कहा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रियों ने आपात तैयारी पर दिल्ली-घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए।

इसके पूर्व आज सुबह डॉ. हर्षवर्धन, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मंत्रिमंडल प्रमुख डॉ. बर्नार्ड श्वार्टलैंडर तथा भूटान की स्वास्थ्य मंत्री सुश्री डेचन वांगनो के साथ साइकिल से बैठक स्थल रवाना हुए। इसका उद्देश्य लोगों में सकारात्मक और स्वास्थ्य वर्धक जीवन शैली अपनाने और स्वास्थ्य को प्रोत्साहन देना था। इसके बाद डॉ. हर्षवर्धन ने बैठक स्थल पर योग सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें 11 सियरो देशों में से 8 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों ने योगाभ्यास किया। योग सत्र के बाद स्वास्थ्य मंत्रियों और प्रतिनिधियों ने साइकिल चलाई। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र आमसभा का आह्वान किया था कि योग को स्वास्थ्य और आरोग्य के लिए मान्यता दी जाए। उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि संयुक्त राष्ट्र आमसभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में स्वीकार किया है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान के साथ योग उच्च रक्तचाप, मोटापा और मधुमेह जैसे रोगों से लड़ने में सहायता करता है। उन्होंने कहा कि हमारे दूरदर्शी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अभी हाल में ‘फिट इंडिया’ आंदोलन की शुरूआत की है, ताकि देशवासियों को फिट रहने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

पूर्व तैयारी और आपदा प्रबंधन के संदर्भ में फेनी चक्रवात के अध्ययन का उल्लेख करते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सटीक मौसम भविष्यवाणी, कारगर पूर्व चेतावनी, लगभग 1.15 मिलियन लोगों को समय पर निकालने और उन्हें 6575 चक्रवात पनाहगाहों तक पहुंचाने जैसी ठोस तैयारी की बदौलत तमाम जानों की रक्षा करने में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि चक्रवात के दौरान तमाम रोगों को नियंत्रण करने के लिए विशेष सतर्कता बरती गई, जिसके कारण किसी भी प्रकार की महामारी नहीं फैली। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि फेनी चक्रवात की सटीक भविष्यवाणी करने और हजारों जानों की रक्षा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य कई अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों ने भारत की सराहना की है।

मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के 11 देशों में से 8 देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों, विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह और स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने शिरकत की। भारत दूसरी बार क्षेत्रीय समिति की बैठक की मेज़बानी कर रहा है। इसके पहले वाली बैठक की भी भारत ने ही नई दिल्ली में मेज़बानी की थी।

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