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‘राष्ट्र जानना चाहता है’ से लेकर ‘राष्ट्र प्रथम’ तक भारत का सुधार हुआ है: प्रधानमंत्री

देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में रिपब्लिक समिट में मुख्य भाषण दिया। इस वर्ष का समिट ‘यह भारत का समय है और राष्ट्र सबसे पहले है’ विषय पर केन्द्रित है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘राष्ट्र जानना चाहता है’ से लेकर ‘राष्ट्र प्रथम’ तक भारत का सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि कई दशकों से जिन समस्याओं का निदान नहीं हुआ था, अब उनका समाधान संभव हुआ है। यह दो कारणों से संभव हुआ – पहला कारण यह है कि भारत के 130 करोड़ लोग सोचते हैं कि ‘यह भारत का समय है’ और दूसरा कारण ‘राष्ट्र सबसे पहले’ है।

कश्मीर में अनुच्छेद-370 के हटाए जाने के बारे में, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने आतंकवाद के सबसे बड़े कारण को समाप्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 के कारण जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था, जो संविधान में एक अस्थायी प्रावधान था, किन्तु ‘कुछ परिवारों’ के चलते इसे स्थायी माना जाता था।

उन्होंने जोर देकर कहा कि जब राष्ट्र प्रथम होता है तो देश बड़े निर्णय लेता है, साथ ही जब राष्ट्र उस निर्णय को स्वीकार करता है तो देश आगे बढ़ता है। उन्होंने यह भी कहा कि आधार को कानूनी मान्यता मिलने से रोकने के लिए कुछ लोगों ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इन लोगों ने आधार को बदनाम करने के लिए अपनी सारी शक्ति लगा दी, किन्तु आधार के कारण उनकी वास्तविकता तक पहुंचने में मदद मिली। इसके परिणामस्वरूप लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये गलत लोगों की जेब में जाने से बचे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष लगभग इतनी ही धनराशि गलत लोगों की जेब में जाती थी और इसको रोकने वाला कोई नहीं था। हमने प्रणाली की इस बड़ी कमी को दूर करने के लिए काम किया, क्योंकि हमारे लिए भारत सबसे पहले है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में इससे पहले कभी भी जीएसटी लागू नहीं किया गया। आज आम नागरिकों से संबंधित 99 प्रतिशत चीजों पर पहले की तुलना में औसतन आधा कर लगाया जा रहा है। एक समय था, जब रेफ्रिजरेटरों, मिक्सरों, जूसरों, वैक्यूम क्लीनरों, गीजरों, मोबाइल फोनों, वाशिंग मशीनों, घड़ियों आदि सभी चीजों पर 31 प्रतिशत से अधिक कर वसूली की जाती थी। आज इन वस्तुओं पर करों को लगभग 10 से 12 प्रतिशत घटा दिया गया है।

दिल्ली की अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने के बारे में, श्री मोदी ने कहा कि पिछले कई दशकों से, लाखों परिवार के जीवन में काफी अनिश्चितता थी। लोग कड़ी मेहनत से अर्जित धन से यहां घर खरीदते थे, किन्तु उन्हें उनका मालिकाना हक नहीं मिलता था। ये समस्याएं हमेशा बनी रहीं। हमारी सरकार ने इस समस्या को समाप्त करने का निर्णय लिया है और अब दिल्ली के 50 लाख से अधिक लोगों को अपने घरों और एक बेहतर जीवन के प्रति निश्चितता/आशा/विश्वास मिला है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से हमारे मध्यमवर्गीय लोग लाभान्वित होंगे और उन्हें अपने सपनों का घर मिलने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में काम की जो गति और मापन है, वह अभूतपूर्व है। लगभग 60 करोड़ भारतीय लोगों को 60 महीनों में शौचालय की सुविधाएं प्रदान की गई हैं। ऐसी योजनाएं और कार्यक्रम तभी कार्यान्वित किए जा सकते हैं, जब राष्ट्र का स्थान सबसे पहले हो।

श्री मोदी ने कहा कि जब आप स्वार्थ से बाहर निकलते हैं, तभी हरेक व्यक्ति की सहायता और हर किसी का विकास कर पाते हैं तथा नीति एवं राजनीति के आधार पर हर किसी का विश्वास प्राप्त कर पाते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के कारण 37 करोड़ से अधिक बैंक खाते खुले और बैंकिंग प्रणाली से गरीब लोग भी जुड़ पाए। ‘राष्ट्र प्रथम’ की सोच के कारण ही जल जीवन मिशन की शुरूआत हुई। आने वाले समय में, इस मिशन पर लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे, जिससे देश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों को स्वच्छ पेयजल मिले और प्रत्येक घर तक पानी पहुंचे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों की आय बढ़ाने की सोच के कारण, देश को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से काम करने से हम अपने प्रत्येक निर्णय का समुचित परिणाम प्राप्त कर सकेंगे और हमारा देश सभी लक्ष्य तक पहुंच सकेगा। उन्होंने कहा कि इस भावना के साथ, नए भारत की नई संभावनाओं, नए अवसरों के बारे में विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा।

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