नई दिल्ली: ब्रिक्स देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने महानगरों में पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होकर काम करने परसहमति व्यक्त की है।ब्राजील के साओ पाउलो में आयोजित ब्रिक्स देशों के पर्यावरण मंत्रियों के 5वें सम्मेलन के दौरान इनके बारे में चर्चाकी गई।यह बैठक पर्यावरण के मुद्दे पर ब्रिक्स संयुक्त कार्य समूह की दो दिवसीय बैठक के बाद आयोजित की गई।
राष्ट्र के लिए निर्धारित अपने योगदान (एनडीसी) के लक्ष्य तक पहुंचने में भारत द्वारा किए गए ऐतिहासिक कार्य के बारे में चर्चा करते हुए, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सशक्त नेतृत्व ने भारत ने राष्ट्र के निर्धारित योगदान के संदर्भ में बढ़-चढ़कर काम किया है। पर्यावरण मंत्री ने कहा, ‘हमने एनर्जी इंटेंसिटी में 25 प्रतिशत कमी की है और 78 जीडब्ल्यू अक्षय ऊर्जा उत्पादन करने में सफलता प्राप्त की है, साथ ही, वनाच्छादित क्षेत्र में लगभग 15,000 वर्गकिलोमीटर वृद्धि हुई है और वन्य क्षेत्र के बाहर वृक्षों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है’।
ब्रिक्स देशों की प्रमुख भूमिका पर जोर देते हुए, श्री जावड़ेकर ने कहा कि आपसी सहयोग और विकास हेतु सभी 5 देशों के लिए ब्रिक्स एक सबसे अच्छा मंच है। पर्यावरण मंत्री ने कहा, “सभी पांच देशों का उत्थान हो रहा है और उनके पास साझा करने के लिए अनेक अनुभव हैं तथा निश्चित रूप से इन अनुभवों से जलवायु पर केंद्रित हमारे प्रयासों और पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में सभी देशों को मदद मिलेगी”।
श्री प्रकाश जावड़ेकर ने ब्रिक्स देशों की पहलों की सराहना की और ब्रिक्स सहयोग के लिए भारत के समर्थन की फिर से पुष्टि की। पर्यावरण मंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान, कचरा प्रबंधन नियमावली, पेरिस समझौते के तहत राष्ट्र के लिए निर्धारित योगदान, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम, विद्युत वाहन, समुद्री कचरे, शहरी वनरोपण योजना, संसाधन दक्षता नीति सृजन के साथ-साथ अन्य प्रमुख पहलों के बारे में चर्चा की।
ब्रिक्स देशों ने संयुक्त राष्ट्र कॉम्बैट डेजर्टीफिकेशन सम्मेलन के 14वें अधिवेशन के दौरान भारतीय नेतृत्व की सराहना की। श्री जावड़ेकर ने ब्रिक्स मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल को 2 से 13 सितंबर, 2019 के दौरान सीओपी-14 में शामिल होने और कॉम्बैट डेजर्टीफिकेशन तथा लैंड डेग्रडेशन के प्रयासों में योगदान करनेके लिए आमंत्रित किया।