केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने देश के प्रत्येक नागरिकों से अपील की है कि वे समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान करें। पीएचडीसीसीआई द्वारा ‘बिल्डिंग आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर आयोजित आज एक वेब कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन और भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने में इसकी भूमिका, जो न केवल अपनी बल्कि दुनिया की भी आवश्यकताओं को पूरा करती है, को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
श्री प्रधान ने आज कहा कि उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए भारत एक रोल मॉडल बन रहा है। उन्होंने कहा, “समाज के अंतिम व्यक्ति की सेवा करने और सही मायने में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने पर हमारा फोकस है। भारत प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, जिसमें जनसांख्यिकीय लाभांश, बंदरगाहों की व्यापक उपलब्धता है, जो व्यवसायों और उद्योगों के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र मुहैया कराते हैं। हम 21वीं शताब्दी का एक ऐसा भारत बनाने के लिए काम कर रहे हैं, जो अपनी और दुनिया की भी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम होगा।”
मंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया स्वदेशी आंदोलन और दांडी मार्च से लेकर आत्मानिर्भर भारत के आह्वान तक, ‘आत्मानिर्भर भारत’ का दर्शन एक अधिक लचीला और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के पीछे निरंतर प्रेरक शक्ति रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट देशवासियों की भावना को कम नहीं कर पाया है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पुनरुत्थान की राह पर है। पिछले महीने जीएसटी संग्रह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक था, रेलवे माल ढुलाई में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, और निर्यात 5 प्रतिशत बढ़ा है। पेट्रोल और डीजल की बिक्री भी सामान्य स्तर पर पहुंच गई है।
मंत्री ने कहा कि भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए सरकार काम कर रही है, और वह ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर भी बढ़ रही है। उन्होंने दोहराया कि सरकार के पास कोई और काम नहीं है सिवाय इसके कि उसे केवल लोगों के कल्याण पर ध्यान देना चाहिए। इस दिशा में उन्होंने कहा कि सरकार ने व्यापार को आसान बनाने के लिए पहल की है, पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई है, भ्रष्टाचार को खत्म किया है और धन सृजनकर्ताओं का सम्मान किया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में उठाए कदमों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि एलपीजी कनेक्शन 95 प्रतिशत आबादी तक पहुंच गए हैं जिनमें 8 प्रतिशत गरीब परिवार भी शामिल हैं। इस अप्रैल में बीएस-VI मानक ईंधन पेश किया गया है। ऊर्जा संबंधित न्याय को सुनिश्चित किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि देश के निर्यात में इस्पात क्षेत्र का भी योगदान रहा है।