नई दिल्ली: विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है। श्री हर्षवर्धन देहरादून के सीएसआईआर-आईआईपी में आयोजित किए जा रहे सीएसआईआर के दो दिवसीय निदेशक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी के शानदार नेतृत्व में वैश्विक स्तर पर 21वीं सदी भारत के लिए है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आम आदमी के जीवन स्तरों में सुधार लाने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों के विकास की चुनौतियों के तौर पर काम करना चाहिए। उन्होंने गरीब लोगों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा प्रांरभ की गई स्वच्छ भारत और अन्य योजनाओं में योगदान के लिए सीएसआईआर के अंतर्गत आने वाले वैज्ञानिक समुदाय की उत्कृष्ट मानसिक क्षमता और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. हर्षवर्धन ने सीएसआईआर सोसाइटी के अध्यक्ष के तौर पर प्रधानमंत्री को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी देश को तीव्र गति से आगे ले जाना चाहते है और इस मामले में देश के समक्ष आ रहीं विभिन्न चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करने के लिए वैज्ञानिकों को आगे आना चाहिए। मंत्री महोदय ने गरीबों के कल्याण और उन तक पहुंच के लिए परियोजनाओं को चिन्हित करने के लिए नियमित वैचारिक मंथन के सत्रों का आयोजन करने की वैज्ञानिकों से अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा लक्षित भारत के उज्जवल भविष्य के लिए वैज्ञानिकों के सक्रिय रूप से अपनी पूर्ण ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए।
सीएसआईआर के महानिदेशक श्री एम.ओ. गर्ग ने सहभागियों का स्वागत किया और सीएसआईआर की कार्यप्रणाली पर अपनी प्रस्तुति दी। सीएसआईआर संस्थानों के निदेशकों ने भी अपनी प्रस्तुति देते हुए आगामी परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया।
निदेशक सम्मेलन में चंडीगढ से एक प्रतिभागी के तौर पर आए इंस्टीटयूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ. गिरीश साहनी ने कहा कि डॉ. हर्षवर्धन के संबोधन में उनके भीतर भारत के लिए बिना रूके काम करने का साहस भर दिया है, ताकि वे भविष्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को विश्व का नेतृत्व करने के लिए आगे ले जा सके। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत को सर्वोच्च स्तर पर लाने का प्रधानमंत्री का स्वप्न वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक संकल्प है, जिसे वे वास्तविकता में परिवर्तित करने के लिए पूर्ण उत्साही है।
लखनऊ के केन्द्रीय औषध अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ. (श्रीमती) मधु दीक्षित ने बताया कि इस सम्मेलन से भविष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का एक अवसर मिला है।