देहरादून: सचिव सीमा प्रबंधन, गृह विभाग भारत सरकार सुशील कुमार और मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने भारत-नेपाल और भारत-चीन सीमा की परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। सचिव सीमा प्रबंधन ने बीआरओ, आईटीबीपी, सीपीडब्लूडी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला प्रशासन से तालमेल कर कार्य में तेजी लायें। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करायें।
बैठक में ककराली गेट से ठुलीगाड़ 12 कि0मी0 रोड़ के निर्माण में आ रही दिक्कतों को दूर कर जल्द पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। टनकपुर-जौलजीवी मार्ग का फारेस्ट क्लियरेंस राज्य सरकार ही दे सकती है। इसे 10 अक्टूबर, 2016 तक दे दिया जायेगा। इस 135 कि0मी0 मार्ग में दिसम्बर तक 12 कि0मी0 मार्ग का चैडीकरण हो जायेगा। टनकपुर-रूपालीगाड़ 43 कि0मी0 मार्ग की स्वीकृति मिल गई है। 75 कि0मी0 मार्ग प्रस्तावित पंचेश्वर बांध की वजह से बाधित था। इसके निर्माण की प्रक्रिया भी जल्द पूर्ण हो जायेगी। वर्ष 2018 तक इस मार्ग के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। घटियाबगड-लिपूलेख मार्ग का निर्माण मार्च तक पूर्ण हो जायेगा। भारत-नेपाल सीमा पर ही न्यू सोबला-सेला-तेढ़ाग मार्ग में 10.269 हेक्टेयर जमीन की निजी भूमि का अधिग्रहण करना है। इसमें धारचूला के 10 गांव आते हैं। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी को निेर्देश दिए कि इस कार्य को 10 दिन के अंदर पूर्ण करें। बताया गया कि भारत-चीन सीमा पर नीति गैलंुग, सोनम-पीडीए, पीडीए-सुमला, पीडीए-मैंडी रोड़ का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। ये मार्ग अक्टूबर, 2017 तक बन जायेंगे। इसके अलावा बीआरओ के नागा-जड़ांग, छासतोली-छत्रा, सुमना-टिमखिम, मुनस्यारी-बडियार बगड़ मार्गाें का निर्माण कार्य भी चल रहा है। सचिव सीमा प्रबंधन ने मासिक लक्ष्य तय करने और लगातार अनुश्रवण करने के निर्देश दिए।
बैठक में भारत सरकार के संयुक्त सचिव प्रदीप गुप्त, डीजीपी उत्तराखंड एमए गणपति, प्रमुख सचिव गृह उमाकांत पवांर, सचिव गृह विनोद शर्मा, सचिव बीएडीपी आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव लोनिवि डीएस गब्र्याल, सचिव लोनिवि अरविन्द सिंह हयांकी, आईजी एसएसबी श्याम सिंह, आईजी आईटीबीपी एचए गोरिया, एडीजी इंटेलीजेंस अशोक कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।