रायपुर: स्थानीय मसन्द सेवाश्रम द्वारा देश के महान सन्तों के सहयोग से भारत को पुनः विश्वगुरू व समृद्ध राष्ट्र बनाने हेतु चलाये जा रहे अभियान के संदर्भ में ‘भारत को चाहिए आध्यात्मिक लोक सेवकों का नेतृत्व’ शीर्षक से छपवाए गये लेख एवं कार्य योजना पुस्तिका का विमोचन शिव शाँति, संत आसूदाराम आश्रम लखनऊ में सम्पन्न हुआ। पुस्तिका का विमोचन आश्रम के पीठाधीश महान सन्त साईं चाण्डूराम साहिब जी के कर कमलों द्वारा सन्त बाबा आसूदाराम साहिब के 55वें निर्वाण महोत्सव के दौरान आयोजित सन्त कँवरराम मिशन की राश्ट्रीय बैठक में किया गया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पष्चिम बंगाल एवं सिन्ध से पधारे कुछ सन्तों के अलावा भारतीय सिन्धु सभा व सन्त कँवरराम मिशन के राष्टीय, प्रांतीय व जिला स्तर के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
मसन्द सेवाश्रम के पीठाधीश साईं जलकुमार मसन्द साहिब जी ने कहा कि हमारे देश भारत की दुःखद सच्चाई यही है कि देश की स्वतंत्रता के 68 वर्ष बीत जाने के बाद भी वर्तमान में देश की आबादी का काफी बड़ा भाग मानवोचित भोजन, वस्त्र, आवास, चिकित्सा, शिक्षा, सुरक्षा, न्याय आदि मानवाधिकारों से वंचित है। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार देश में प्रति वर्ष करीब दस लाख मासूम बच्चे आवष्यक आहार न मिलने के कारण कुपोशण से मर जाते हैं। हर साल देश में हजारों किसान व अन्य लोग आर्थिक मजबूरी के कारण आत्महत्याएं कर रहे हैं। काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि का नंगा नाच आए दिनों समाचारों की सुर्खियां बन रहा है। देश भ्रश्टाचार, गरीबी व अमानवीयता से ग्रसित हो गया है।
उन्होंने कहा कि वे 50 वर्श से अधिक समय से देष हित में अनेक प्रयोग कर चुकने के बाद अब इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि देष को वर्तमान चिन्ताजनक स्थिति से उबारने और उसे पुनः एक आदर्ष व समृद्ध राश्ट्र बनाने का एकमात्र उपाय है देष में प्रजातांत्रिक प्रणाली के माध्यम से केन्द्र से स्थानीय स्तर तक आध्यात्मिक लोक सेवकों का नेतृत्व स्थापित कराना। तदनुसार उन्होंने देष के उन महान सन्तों से जिनके देष-विदेष में लाखों अनुयायी हैं; से प्रत्यक्ष भेंट कर निवेदन करना आरंभ कर दिया है कि वे अपने-अपने संरक्षण में अपने लाखों अनुयाईयों के द्वारा उनकी योग्यता के अनुरूप केन्द्र से स्थानीय स्तर तक जन समस्याओं के निराकरण हेतु नेतृत्वकारी भूमिका निभवाने का अभियान चलाने की कृपा करें।
साईं मसन्द साहिब जी ने बताया कि वे अब तक देष के 35 बड़े सन्तों से भेंट कर उपरोक्त निवेदन कर चुके हैं। प्रायः सभी सन्त इस प्रयास को देष के लिए अत्यावष्यक मानते हुए इस दिषा में कार्य करने हेतु सहमत भी हो रहे हैं। अधिकांष सन्तों ने उनसे इस संदर्भ में संभावित कार्य योजना पर प्रकाष डालने की आवष्यकता व्यक्त की। अतः उन्होंने अब इस संदर्भ में अपने लेख के साथ 14 सूत्रीय एक कार्य योजना का प्रकाषन कराया। उन्होंने बताया कि कार्य योजना में उन्होंने देषवासियों के समग्र विकास से सम्बंधित समस्त कार्य क्षेत्रों की जानकारी के संदर्भ में केन्द्र सरकार, प्रांतीय सरकार व स्थानीय षासन के सभी विभागों की सूची, मुहल्ला स्तर से राश्ट्रीय स्तर तक संगठन व्यवस्था, अर्थ व्यवस्था, जन समस्याओं के निराकरण के कुछ सफल प्रयोग आदि जानने योग्य लगभग सभी बातों का उल्लेख किया गया है।