रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह ने देश के युवाओं का आह्वान किया कि वह प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए चिंतन, नवाचार और नई तकनीकों का स्वदेशीकरण करें। रक्षामंत्री 20 मई, 2022 को डॉ. डी वाई पाटिल विद्यापीठ, पुणे के छात्रों को 13वें दीक्षांत समारोह के दौरान संबोधित कर रहे थे। विश्वविद्यालय चिकित्सा, दंत चिकित्सा, नर्सिंग, फिजियोथेरेपी, ऑप्टोमेट्री, आयुर्वेद, होम्योपैथी, जैव प्रौद्योगिकी और व्यवसाय प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करता है।
श्री राजनाथ सिंह ने युवाओं को किसी भी देश के लिए सबसे बड़ी ताकत, उत्प्रेरक और परिवर्तन का स्रोत बताया। उन्होंने कहा, “युवाओं में किसी भी चुनौती का सामना करने और उसे अवसर में बदलने की क्षमता है। उनके पास नई तकनीकों की खोज करने और नई कंपनियों और अनुसंधान प्रतिष्ठानों को स्थापित करने की क्षमता है।
रक्षा मंत्री ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य हासिल करने के लिए रक्षा उपकरणों की घरेलू खरीद के सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि भारत को अपनी जरूरतों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को युवा शक्ति पर भरोसा है और वह प्रगति के साथ-साथ राष्ट्र के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें पर्याप्त अवसर प्रदान करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री की ‘वोकल फॉर लोकल’ की अपील का जिक्र करते हुए कहा कि इससे देश के प्रतिभाशाली युवा के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार के प्रयासों से देश में एक जीवंत स्टार्ट-अप इको-सिस्टम बनाया गया है, जो जैव-प्रौद्योगिकी, व्यवसाय प्रशासन और स्वास्थ्य पेशेवरों को उनके अभिनव सपनों को साकार करने के लिए सहायता प्रदान कर सकता है। “स्टार्ट-अप इंडिया योजना युवा दिमाग के लिए बहुत कारगर साबित हो रही है। हमने स्टार्ट-अप्स के लिए वेंचर कैपिटल फंडिंग की संस्कृति भी विकसित की है, जो शुरुआती चरण में उन्हें सहायता देने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “देश में बिजनेस यूनिकॉर्न की संख्या 100 को पार कर गई है। यह हमारे स्टार्ट-अप आधारित इनोवेशन इकोसिस्टम की सफलता का प्रमाण है।”
श्री राजनाथ सिंह ने युवाओं को उनके अनूठे विचारों को साकार करने के लिए सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने चिकित्सा और जैव-प्रौद्योगिकी के छात्रों को अपने विचारों को अपने साथी व्यावसायिक प्रबंधन के छात्रों के साथ साझा करने का सुझाव दिया, जो उन विचारों के आधार पर व्यवसाय स्थापित करने की योजना बना सकते हैं। यह एक मजबूत भविष्य की साझेदारी का निर्माण करेगा जो देश के लिए लाभदायक होगा।
रक्षा मंत्री का विचार था कि गरीबी और भूख मिटाने के लिए अच्छी शिक्षा एक प्रभावी हथियार है। उन्होंने इसे विद्यार्थियों का दायित्व बताया कि वे अपनी शिक्षा का सदुपयोग करें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं।
श्री राजनाथ सिंह ने छात्रों से जीवन के सांसारिक और आध्यात्मिक पहलुओं के बीच संतुलन बनाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वे सकारात्मक ऊर्जा फैलाएं और समाज के सामूहिक हित के बारे में सोचें। उन्होंने नैतिक मूल्यों को आत्मसात करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि यह अन्य जरूरतों को पूरा करने में बाधक नहीं है और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की ओर ले जाते हैं।