नई दिल्ली: भारत ने जैव विविधता सम्मेलन (सीबीडी) को अपनी छठी राष्ट्रीय रिपोर्ट (एनआर6) प्रस्तुत की। यह रिपोर्ट पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी), नई दिल्ली में राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (एनबीए) द्वारा आयोजित राज्य जैव विविधता बोर्डों (एसबीबी) की 13वीं राष्ट्रीय बैठक के उद्घाटन सत्र के दौरान केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ हर्षवर्धन द्वारा सीबीडी सचिवालय को ऑनलाइन प्रस्तुत की गई। मंत्री ने इस अवसर पर ‘‘भारत की राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्यों पर प्रगति: एक पूर्वावलोकन’’ दस्तावेज भी जारी किया।
उद्घाटन सत्र को संबोंधित करने हुए डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत विश्व के पहले पांच देशों में, एशिया में पहला तथा जैव विविधता समृद्ध मेगाडायवर्स देशों में पहला है, जिसने सीबीडी सचिवालय को एनआर6 प्रस्तुत किया है। उन्हांने कहा कि ‘‘जहां विश्वभर में जैव विविधता पर वास विखंडन एवं विनाश, आक्रामक विदेशी प्रजातियों, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और संसाधनों के अतिउपयोग के कारण दबाव बढ़ रहा है, भारत उन चंद देशों में एक है जहां वन आच्छादन बढ़ रहा है और जंगलों में वन्य जीवन की बहुतायत है। उन्होंने कहा कि मुझे यह जानकर भी खुशी है कि भारत राष्ट्रीय स्तर पर जैव विविधता लक्ष्यों को अर्जित करने की राह पर है और यह वैश्विक जैव विविधता लक्ष्यों को अर्जित करने की दिशा में उल्लेखनीय रूप से योगदान दे रहा है।
राष्ट्रीय रिपोर्टों की प्रस्तुति सीबीडी सहित अंतरराष्ट्रीय संधियों में पक्षकारों के लिए एक अनिवार्य बाध्यता है। एक जिम्मेदार देश के रूप में भारत ने कभी भी अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को नहीं छोड़ा है और इससे पहले सीबीडी को समय पर पांच राष्ट्रीय रिपोर्ट प्रस्तुत कर चुका है। पक्षकारों द्वारा 31 दिसम्बर, 2018 तक अपना एनआर6 प्रस्तुत कर देना वांछनीय है।
एनआर6 20 वैश्विक एआईसीएचई जैव विविधता लक्ष्यों के अनुरूप संधि प्रक्रिया के तहत विकसित 12 राष्ट्रीय जैव विविधता लक्ष्यों को अर्जित करने की दिशा में प्रगति की ताजा जानकारी उपलब्ध कराता है।