नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम सचिव डॉ. अरुणकुमार पांडा भारत-ताइवान एसएमई विकास फोरम में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। फोरम का आयोजन ताइवान की राजधानी ताईपेई में 13 से 17 नवंबर, 2018 तक होगा।
अपने वक्तव्य में डॉ. पांडा ने कहा कि भारत में एमएसएमई सेक्टर की महत्वपूर्ण स्थिति है। इस समय भारत में 63 मिलियन सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्योग मौजूद हैं, जिनमें 111 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त है और यह सेक्टर कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि ये उद्योग 8 हजार से अधिक वस्तुओं का उत्पादन करते हैं, जिनमें पारंपरिक वस्तुओं से लेकर हाई-टेक वस्तुएं शामिल हैं।
स्टार्ट-अप इंडिया के तहत भारत सरकार की पहलों के बारे में डॉ. पांडा ने कहा कि भारत में उद्यमशीलता की संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ और ‘स्टैंड-अप इंडिया’ जैसे कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। परिणामस्वरूप भारत के पास विश्व में तीसरी सबसे बड़ी स्टार्ट-अप इको-प्रणाली तैयार हो गई है, जहां 26 हजार से अधिक स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि फोरम में सामान्य इंजीनियरिंग, वाहनों के कलपुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्लास्टिक के उत्पादन से संबंधित 20 उद्योग हिस्सा ले रहे हैं। इन उद्योगों का उद्देश्य अपने-अपने क्षेत्रों में ताइवान की कंपनियों के साथ सहयोग करना है।