नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोलकाता में बरूईपुर में भारतीय विज्ञान संवर्धन एसोसिएशन (आईएसीएस) के श्यामा प्रसाद मुखर्जी उन्नत अनुसंधान एवं प्रशिक्षण (स्मार्ट) परिसर के शिलान्यास पट्टिका का अनावरण किया। समारोह के दौरान बोलते हुए डॉ हर्षवर्धन ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ स्मार्ट परिसर की पहल के लिए संस्थान के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नवोन्मेषण एवं वैज्ञानिक सृजनशीलता वैज्ञानिक दिमाग के साथ किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए आधारशिला है। मंत्री महोदय ने कहा कि आईएसीएस जैसे संस्थान वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में रोल मॉडल बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि रॉबोटिक्स, नैनो-विज्ञान, नैनो-प्रौद्योगिकी, साइबर प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रचुर संभावना है जहां संस्थान केंद्रीय भूमिका निभा सकते हैं।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने यह भी कहा कि आज भारत देश के अनुसंधान संस्थानों में काम करने वाले प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों के लिए ब्रेन ड्रेन से ब्रेन गेन (यानी देश की प्रतिभा के देश से बाहर जाने के बजाए विदेशी प्रतिभा के देश में आने ) देश का एक आदर्श उदाहरण बन गया है। उन्होंने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास एवं भारत की विकास गाथा में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचने में प्रक्रियाओं के विकास में उनकी प्रवर्तक भूमिका के लिए वैज्ञानिकों की सराहना की। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विजन तथा उनकी पहल भारत को 2030 तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व के शीर्ष 3 देशों में एक बनाने की राह पर प्रेरित करने की है। डॉ हर्षवर्धन ने जोर देकर कहा कि भारत नैनो-प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में प्रगति कर तीसरे स्थान पर पहुच गया है, वैज्ञानिक प्रकाशन में छठे स्थान पर पहुंच गया है जो समस्त विश्व में वैज्ञानिक अध्ययन की मात्रा का परिचायक है। उन्होंने सूचित किया कि सुनामी आरंभिक चेतावनी प्रणाली के क्षेत्र में नई वैज्ञानिक नैदानिकी तकनीकों के साथ भारत ने बेशुमार प्रगति हासिल की है।
इस अवसर पर प्रो. आशुतोष शर्मा, सचिव, डीएसटी, प्रोफेसर एम.एम. शर्मा, एफआरएस, चेयरमैन, आईएसीएस की शासी परिषद, प्रोफेसर शांतनु भट्टाचार्य, निदेशक आईएसीएस तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।