इपोह: भारतीय पुरूष हॉकी टीम 28वें सुल्तान अजलान शाह कप टूर्नामेंट में शनिवार को एशियाई खेलों की स्वर्ण चैंपियन जापान की कड़ी चुनौती का सामना करेगी।
भारतीय टीम वर्तमान में अपने कई खिलाडिय़ों की चोटों से जूझ रही है, हाल ही में गुरजंत सिंह अभ्यास मैच के दौरान नाक में फ्रैक्चर के बाद स्वदेश लौट आये हैं, हालांकि टीम इसके बावजूद अच्छे प्रदर्शन को लेकर आश्वस्त दिख रही है।
भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह ने जापान से मैच की पूर्व संध्या पर कहा,”जापान, कोरिया और मेजबान मलेशिया मजबूत टीमें हैं। ये टीमें अपनी पूरी ताकत के साथ टूर्नामेंट का हिस्सा बन रही हैं और उनकी चुनौती भी कड़ी होगी। कप्तान ने कहा,”युवाओं का अपने खेल का स्तर अधिक उठाना होगा और टीम में नये चेहरों की मौजूदगी से हमें फायदा होगा क्योंकि विपक्षियों को इनके खेल के बारे में अधिक पता नहीं होगा। लेकिन गुरजंत का बाहर होना हमारे लिये झटका है। उनकी जगह गुरसाहिबजीत ङ्क्षसह टीम का हिस्सा बनेंगे। वह अच्छे फारवर्ड हैं और सीनियरों की जरूरतों को समझते हैं।
भारतीय टीम 18 मार्च को ही इपोह पहुंची है और यहां की आद्र परिस्थितियों के अनुकूल खुद को ढालने का प्रयास कर रही है। गुरूवार को टीम ने मेजबान मलेशिया के साथ अभ्यास मैच में भी हिस्सा लिया और मजबूत शुरूआत के लिये तैयार दिख रही है।
भारत का पिछले अजलान शाह टूर्नामेंट में प्रदर्शन निराशाजनक रहा था और वह पांचवें नंबर पर रही थी, लेकिन उसके युवा खिलाडिय़ों और कुछ सीनियर खिलाडिय़ों का प्रदर्शन उत्साहवर्धक रहा था। टीम को पहले मैच में ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना से 2-3 से करीबी हार मिली थी जबकि इंग्लैंड से 1-1 से मैच ड्रॉ रहा था। इसके बाद वह आस्ट्रेलिया से 2-4 से हार गयी थी जिसने बाद में खिताब जीता था।
मनप्रीत ने कहा,”हमारे युवा हमेशा यादगार प्रदर्शन करते हैं और मनदीप को छोड़कर फारवर्ड लाइन के खिलाड़यिों को 12-12 मैचों का ही अनुभव है, लेकिन हमें यकीन है कि वे दबाव को झेल सकेंगे। बतौर सीनियर खिलाड़ी हमें युवाओं का समर्थन करना चाहिये और उनका मार्गदर्शन करना चाहिये।
भारत का अजलान शाह टूर्नामेंट में सबसे सफल प्रदर्शन 1985, 1991, 1995 और 2009 में रहा था जब टीम खिताब तक पहुंची थी जबकि 2010 में उसने दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त रूप से खिताब जीता था। वर्ष 2016 में भारतीय टीम आस्ट्रेलिया से हारकर रजत जीतने में कामयाब रही थी जबकि 2017 में न्यूजीलैंड को हरा उसने कांस्य जीता था। साभार रॉयल बुलेटिन