केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भारत मंडपम, नई दिल्ली में एक प्रमुख मीडिया हाउस द्वारा आयोजित ‘इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव’ में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि “2047 के लक्ष्य की प्राप्ति और भारत को एक वैश्विक गंतव्य बनाने के लिए, हमें वैश्विक रणनीतियों और मापदंडों का पालन करने की आवश्यकता है।”
भारत के अंतरिक्ष, समुद्री और हिमालयी संसाधन, जो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालने से पहले अपर्याप्त ज्ञात क्षेत्र थे, भारत के भविष्य के आर्थिक विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
एक सवाल के जवाब में कि रचनात्मक विकास के दृष्टिकोण से भारत भविष्य में अपने प्राकृतिक संसाधनों से कैसे लाभ प्राप्त कर सकता है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने निजी कंपनियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोल दिया है जो उन्हें लाभ उठाने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अपने अंतरिक्ष क्षेत्र को वैश्विक मानकों के अनुरूप बढ़ाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में 2014 से लंबी छलांग लगाई है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “वर्तमान समय में भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र विश्व की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में आठ से नौ प्रतिशत का योगदान देता है और अगले दस वर्षों में इसके तीन गुना बढ़ने का अनुमान है। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सक्रिय नेतृत्व के बिना संभव नहीं था।”
मंत्री ने कहा कि हालांकि इसरो की स्थापना नासा के बाद हुई है लेकिन आज यह विश्व के किसी भी अन्य संगठन से पीछे नहीं है। इसकी क्षमता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। अब तक हमने 432 से ज्यादा उपग्रहों का प्रक्षेपण किया है, जिनमें से 397 उपग्रहों का प्रक्षेपण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद किया गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2035 तक भारत का अपना अंतरिक्ष स्टेशन होगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें अनछुए क्षेत्रों का पता लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास संसाधनों, क्षमता, प्रतिबद्धता और जुनून की कोई कमी नहीं है।
जम्मू-कश्मीर के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि “हाल के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अबतक का सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है और भाजपा का वोट शेयर न केवल बढ़ा है, बल्कि हमारा वोट शेयर सत्तारूढ़ पार्टी की तुलना में अधिक है।”
उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी में दो करोड़ से ज्यादा पर्यटकों का आना वहां पर सामान्य स्थिति के बहाल होने का प्रमाण है।