केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने अस्पतालों, डॉक्टरों और कोरोना योद्धाओं की सराहना करते हुए कहा कि वास्तव में वे उस सर्वोच्च सम्मान के हकदार हैं जोकि देश के रूप में हम उन्हें प्रदान कर सकते हैं। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एशिया स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन 2020 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इनका त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा।
कोविड वैक्सीन के संबंध में जानकारी देने हुए श्री गोयल ने कहा कि स्वदेशी वैक्सीन के विकास का काम तीव्र गति से चल रहा है लेकिन जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा, “जब तक हम वैक्सीन की खुराक नहीं प्राप्त कर लेते तब तक हम कोरोना को लेकर कतई लापरवाह नहीं हो सकते।” उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ संघर्ष में भारत के योगदान को इतिहास कभी भुला नहीं सकेगा। देश में महामारी के कारण लागू किए गए लॉकडाउन को पूरी तरह से तर्कसंगत ठहराते हुए उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कई बार कहा है कि लॉकडाउन ने देश को वास्तव में महामारी से मुकाबले के लिए तैयार करने में मदद की है और यह सुनिश्चित किया है कि भारतीय नागरिक कई अन्य विकसित देशों की तुलना में कहीं बेहतर तरीके से इस आपदा से उबर सकें। भारत ने जिस तरह का सख्त लॉकडाउन लागू किया उसे दुनिया भर में एक मिसाल माना गया जिसने देश को बहुत बेहतरीन रिकवरी रेट (स्वस्थ होने की दर) हासिल करने में मदद की है।
सीआईआई के प्रयासों की तारीफ करते हुए श्री गोयल ने कहा कि एशिया स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन जैसे कार्यक्रम नए विचारों के अंकुरण, देश की कई समस्याओं के नवीन समाधान को खोजने और वैक्सीन उपलब्ध होने पर उसे दूरदराज और अंतिम छोर तक पहुंचाने में मदद करेंगे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हम एक अरब तीस करोड़ भारतीयों को कोविड स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ने और उपलब्धता सुनिश्चत करने के लिए जन-निजी भागीदारी से काम करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आगे आने वाले संघर्षों में कामयाबी सुनिश्चित करेगा। श्री गोयल ने कम विकसित देशों और गरीबों सहित सभी को कम कीमत पर वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह हम सबके लिए सामूहिक जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा कि भविष्य के लिए स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र में सस्ते और नवाचारी समाधान सुनिश्चित करने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
श्री पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि वैक्सीन की तलाश के इन साझे प्रयासों ने वास्तव में हम सब को एकजुट कर दिया है। एक समान उद्देश्य की यह भावना हमें इस गंभीर महामारी से, जो आज दुनिया के सामने है, उससे बचने, उसके अनुकूल बदलाव करने और उसको हराने में मददगार होगी। कोविड ने दुनिया और इंसानियत को करीब लाकर खड़ा कर दिया है। विश्व आज एक समान उद्देश्य से जंग करने के लिए एकजुट हुआ है।