25 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) झारखंड का शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री की टिप्पणी

देश-विदेश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि बढ़ती जनसंख्या और तेजी से खंडित हो रही भूमि-जोत (लैंड हॉल्डिंग्स) के कारण देश में बिना देरी किए दूसरी हरित क्रांति का लाया जाना समय की जरूरत है और यह केवल पूर्वी भारत में लाई जा सकती है। वे झारखंड में बरही नामक स्थान पर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का शिलान्यास करने के बाद बोल रहे थे। उनके समक्ष भारत सरकार और एनएमडीसी लिमिटेड के मध्य नए इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए समझौता-ज्ञापन का आदान-प्रदान हुआ।

प्रधानमंत्री ने दालों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करने के लिए किसानों से देश में दालों का उत्पादन स्तर बढ़ाने का आह्वान किया। पूर्व प्रधानमंत्री श्री लालबहादुर शास्त्री के नारे ‘जय जवान जय किसान’ का आह्वान करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रत्येक किसान से अपनी भूमि के कुछ भाग में दालों का उत्पादन करने का प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने दाल क्षेत्र में केन्द्र सरकार दवारा उठाये गए कदमों का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि दालें आम आदमी के भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकार बहुत खुशी हुई है कि इस कार्यक्रम में दक्षिण बिहार के लोग बडी संख्या में उपस्थित हैं क्योंकि यह संस्थान जिसका शिलान्यास किया जा रहा है इस क्षेत्र के लोगों की अच्छी सेवा करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय कृषि इनपुट, सिंचाई, मूल्य संवर्धन और बाजार जुड़ावों में पीछे है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने और इसे अधिक लाभकारी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसके लिए संसाधनों के उचित आवंटन और प्रशिक्षण की जरूरत है।

यह देखते हुए कि जनसंख्या में वृद्धि हो रही है और भूमि-जोत खंडित हो रही है प्रधानमंत्री ने राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ किसानों को अच्छी आय सुनिश्चित करने के लिए उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सभी कृषि जलवायु संभागों में उचित अनुसंधान की जरूरत है। इससे किसानों को बेहतर परिणामों के साथ-साथ बेहतर स्वीकार्यता सुनिश्चित होगी। इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा का प्रसार करने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बिना देरी किए पूर्वी भारत में दूसरी हरित क्रांति का लाया जाना समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उवर्रक संयंत्र स्थापित करने का उल्लेख किया जो इस क्षेत्र में उवर्रकों की उचित उपलब्धता सुनिश्चित करेगा।

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार का सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने का कार्यक्रम है। जिससे मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं के माध्यम से युवाओं को रोजगार का स्रोत उपलब्ध कराया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पशुपालन और मत्यस्य पालन कृषि क्षेत्र के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने की महत्ता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार में झारखंड में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक राज्य में एक जिले को शहद उत्पादक जिले के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने किसानों को पर्याप्त सिंचाई उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का भी उल्लेख किया। प्रति बूंद अधिक फसल के अपने मंत्र का स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म सिंचाई ने उत्पादकता वृद्धि और किसानों की आय बढ़ाने में मदद की है।

झारखंड की राज्यपाल श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुबर दास,केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह और केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा भी इस अवसर पर मौजूद थे।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More