दिनांक 01 से 30 नवम्बर, 2023 तक पूरे देश में पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा चलाए जा रहे डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) अभियान 2.0 का प्रदेश में इंडियन बैंक के द्वारा नेतृत्व किया जा रहा है। बैंक ने लखनऊ जनपद में इस अभियान के तहत सेवाएं प्रदान करने हेतु अपनी 5 शाखाओं हजरतगंज मुख्य मवईया, हुसैनगंज, आलमबाग़ और उजरियांवा शाखाओं को चिन्हित किया है | इंडियन बैंक द्वारा आज आयोजित कैम्पों में निगरानी और मार्गदर्शन देने हेतु पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के परामर्शदाता श्री अतुल प्रियदर्शी भी उपस्थित थे। इस अभियान के तहत बैंक के नोडल अधिकारी श्री राजेश कुमार (उप अंचल प्रबंधक, लखनऊ) अपनी टीम के साथ ग्रामसभाओं, शाखाओं में कैम्प लगा कर इस डिजिटल सुविधा के प्रति आम जनता को जागरूक एवं शिक्षित कर रहें हैं ताकि प्रदेश के प्रत्येक पेंशनभोगी को इस डिजिटल सुविधा का लाभ मिल सके | इस अभियान से देश के अति वृद्ध, बीमार और चलने-फिरने में असमर्थ व्यस्क नागरिकों को अपना डीएलसी बनवाने के लिए बैंक या कैम्प में जाने की आवश्यकता नहीं होगी बल्कि बैंक के अधिकारी स्वयं उन तक जाएंगे | भारत को ‘डिजिटल भारत’ बनाने की दिशा में भारत सरकार का यह अत्यंत महत्वपूर्ण अभियान सिद्ध होगा ।
डीएलसी हेतु पेंशनभोगियों की पहचान के लिए आधार डाटाबेस पर आधारित फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसमें पेंशनभोगी की पहचान उसके चहरे से की जाती है और पेंशनभोगी का डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र तैयार किया जाता है। यह डाटा यूआईडीएआई से लिंक होगा। बैंक के नोडल अधिकारी श्री राजेश कुमार ने बताया कि डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र बनाने में यदि आधार संबंधी कोई समस्या आती है तो बैंक द्वारा यूआईडी से संपर्क कर इसका भी समाधान किया जा रहा है ताकि इस अभियान का देश के प्रत्येक पेंशनभोगी को बिना किसी परेशानी के इस डिजिटल सुविधा का लाभ दिया जा सके। उल्लेखनीय है कि 2014 में सरकार द्वारा बायोमेट्रिक द्वारा जीवन प्रमाण-पत्र जमा करने की सुविधा प्रारम्भ की गयी थी। केंद्र सरकार द्वारा नवम्बर 2022 में डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र (डीएलसी) अभियान 1.0 प्रारम्भ किया गया था जो अत्यंत सफल रहा | अब डीएलसी के लिए बायोमेट्रिक उपकरण के स्थान पर स्मार्ट फोन से यह सुविधा पेंशनभोगियों को प्रदान की जा रही है।