नई दिल्ली: ‘इंडिया विजन 2030 एंड बैंक्स’ विषय पर बोलतेहुए नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि उनका बैंकिंग सेक्टर से बड़ा पुराना नाता रहा है। उन्होंने कहा कि मैं नरसिम्हन समिति में था। विषय पर लौटते हुए राजीव कुमार ने कहा कि 2030 में बैंकिंग सेक्टर क्या योगदान दे सकता है? आने वाले दिनों में हमारी इकनॉमिक ग्रोथ का जो मोमेंटम होगा, उसमें स्टार्ट अप, स्टैंड अप का रोल बड़ा अहम होगा। ऐसे में यह अहम होगा कि आने वाले दशक में हम इन्हें कैसे सपोर्ट करते हैं।
राजीव कुमार ने आगे कहा कि बैंकिंग सेक्टर आने वाले समय में एग्रो सेक्टर को कैसे सपोर्ट करता है, यह भी बेहद अहम रहेगा। नीति आयोग वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि मौजूदा दौर में भारतीय कमर्शियल बैंकों के पास रिस्क पता लगाने की क्षमता बड़ी कम है। हमारे बैंक्स के 86 प्रतिशत से 88 प्रतिशत तक सिर्फ बड़े बॉरोअर्स को जाता है। सिर्फ 14 प्रतिशत छोटे बॉरोअर्स को जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि भारतीय बैंक 3 सी की वजह से डरते हैं। ऐसा माना जाता सीवीसी, सीबीआई और सीएजी। इस वजह से भारतीय कमर्शियल बैंक विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। वे सेफ गेम खेलते है।
राजीव कुमार ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर के लिए पीजे नायर समिति ने काफी अच्छी रिपोर्ट दी थी। आरबीआई का जिक्र करते हुए राजीव कुमार ने कहा कि वह जमीनी सच्चाई को नहीं समझ रही है। आरबीआई क्रेडिट ग्रोथ पर अंकुश लगा रहा है। source: oneindia