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यूरोपीय फुटबाल क्लब का अधिग्रहण कर भारतीय क्लब ने नया इतिहास रचा

खेल समाचार

दिल्ली स्थित सुदेवा फुटबाल क्लब ने एक यूरोपीय फुटबाल क्लब का अधिग्रहण कर भारतीय फुटबाल में एक नया इतिहास रच दिया है। सुदेवा ने स्पेनिश लीग के तीसरी डिवीजन के क्लब सी डी ओलिंपिक डी जटिवा को खरीद लिया है और इस तरह सुदेवा किसी यूरोपियन क्लब को खरीदने वाला पहला भारतीय क्लब बन गया है। सुदेवा क्लब के सह संस्थापकों अनुज गुप्ता, विजय हकारी और मनन अधलाका ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। अनुज गुप्ता ने बताया कि सी डी ओलिंपिक डी जटिवा को खरीदने की होड़ में 11 दावेदार शामिल थे और एक प्रक्रिया से गुजरने के बाद सुदेवा और कोलंबिया के क्लब के बीच अंतिम दावेदारी रह गयी है। सुदेवा के पक्ष में 81 वोट पड़े जबकि कोलंबिया के क्लब के पक्ष में मात्र सात वोट पड़े। इस तरह सुदेवा ग्रुप ने इस स्पेनिश क्लब का अधिग्रहण कर लिया जिसे 1932 में गठित किया गया था। सी डी ओलिंपिक डी जटिवा क्लब वेलेंशिया शहर से 25 मिनट की दूरी पर स्थित है और इसके पास पहली टीम, रिजर्व टीम, तीन अंडर-19 टीम, दो अंडर-16 टीम और कई अंडर-15 टीमें है। अनुज ने बताया कि इस अधिग्रहण के बाद भारतीय प्रतिभाओं के लिये खुद को स्पेनिश लीग क्लब में जाकर तराशने का मौका मिल जाएगा और इसके साथ ही सुदेवा ने खुद को अंतरराष्ट्रीय क्लब बनाने की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा लिया। सुदेवा ग्रुप की स्थापना 2014 में की गयी थी और 2016 में इसने दिल्ली स्थित सीनियर डिवीजन क्लब मूनलाइट का अधिग्रहण किया था।

सुदेवा मूनलाइट क्लब ने 2016-17 सत्र में आई लीग की दूसरी डिवीजन में हिस्सा लिया था। इस क्लब की दिल्ली में अपनी आवासीय फुटबाल अकादमी भी है। स्पेनिश क्लब के अधिग्रहण के बाद अपने लक्ष्यों की जानकारी देते हुये अनुज ने कहा हम देश में पूर्वाेत्तर, दक्षिण और गोवा को मिलाकर कुल पांच आवासीय अकादमी खोलना चाहते हैं ताकि देशभर से प्रतिभाओं को ढूंढकर इन अकादमियों में रखा जा सके। इन प्रतिभाओं में से फिर सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को हम स्पेनिश क्लब स्थित अपनी अकादमी में भेजेंगे जहां उन्हें भविष्य के लिये तैयार किया जाएगा।

अनुज ने कहा स्पेनिश क्लब में भेजी जाने वाली प्रतिभाओं को शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जाएगी और उनकी शिक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। इन बच्चों को स्पेनिश सिखाई जाएगी ताकि स्पेन में रहते समय इन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। हम 15-16 साल की उम्र के बच्चों को स्कॉलरशिप पर जटीवा भेजेंगे। उन्होंने कहा हम अपनी अकादमियों में 9-10 साल के बच्चों को ले रहे हैं और फिर अगले 12 साल तक उन्हें संपूर्ण फुटबालर बनाने की, जिम्मेदारी उठाएंगे।

हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य है कि भारत 2030 के विश्वकप में खेले। हम चाहते हैं कि हमारी टीम आईलीग जीते और फिर हम आईएसएल में खेलें। अनुज ने साथ ही कहा कि हम जटीवा में सुदेवा कप भी लांच करना चाहते हैं ताकि वहां के लोगों को भारतीय फुटबालरों से रूबरू करा सकें। इसके अलावा हम जटीवा की टीम को दिल्ली आमंत्रित करेंगे और आईएसएल टीम से एक मैच खेलाने की कोशिश करेंगे।

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