प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के अनुरूप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजीत डोभाल ने दिनांक 29 मई, 2021 को डिजिटल माध्यम से अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी) सजग को भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) में शामिल कर समुद्री हितों की रक्षा के लिए इसे राष्ट्र को समर्पित किया। ओपीवी सजग का निर्माण मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया है। इस अवसर पर रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक के. नटराजन और गोवा शिपयार्ड के सीएमडी कोमोडोर बीबी नागपाल (सेवानिवृत्त) कार्यक्रम में शामिल हुए।
अपने संबोधन में श्री अजीत डोभाल ने कहा कि आईसीजी के गठन की अवधारणा 1971 के युद्ध के बाद अस्तित्व में आई जब यह आकलन किया गया कि समुद्री सीमाएं भूमि सीमाओं की तरह ही समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। एक बहु-आयामी तटरक्षक के लिए खाका दूरदर्शी रुस्तमजी समिति द्वारा तैयार किया गया था, जबकि संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) पर बातचीत की जा रही थी और मुंबई के पास समुद्र में भारत की परिसंपत्तियां बढ़ रही थीं। सन 1978 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से बनाए गए आईसीजी ने पिछले चार दशकों में लंबी यात्रा तय की है।
श्री अजीत डोभाल ने समुद्री सशस्त्र बलों हेतु स्वदेश में समय पर जहाज़ विकसित करने के लिए गोवा शिपयार्ड की सराहना की, जिसमें अत्याधुनिक मशीनरी और नवीनतम प्रौद्योगिकी सेंसर और उपकरण लगे हैं, जो आईसीजी को हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) के दायरे में और उससे आगे भी विभिन्न प्रकार की ड्यूटी का निर्वहन करने में सक्षम बनाएगा।
देश के भीतर निजी शिपयार्डों समेत विभिन्न शिपयार्डों में सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ दृष्टिकोण के अनुरूप आईसीजी जहाजों का निर्माण किया जा रहा है। कमीशनिंग समारोह के दौरान शानदार दिख रहे आईसीजी ओपीवी सजग को देख कर एनएसए प्रभावित हुए।
आईसीजी समुद्र में समवर्ती अभियान तथाविविध भूमिकाएं निभाने वाला एक बल है, जो समुद्र में पैदा होने वाली किसी भी स्थिति का जवाब देने वाला पहला सशस्त्र बल है। उनके कर्मी विशाल समुद्र तट की रक्षा के लिए बहुत विविध हालातों और परिस्थितियों में काम करते हैं। श्री डोभाल ने तटीय क्षेत्रों में रहने वाली आबादी का साथ देने के साथ-साथ चक्रवातों के दौरान बचाव अभियान, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और नार्को विरोधी अभियानों जैसी विविध भूमिकाओं को निभाने के लिए भारतीय तटरक्षक की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय तटरक्षक ने मुंबई के करीब समुद्र में हाल ही में आई आपदा में बहुमूल्य जीवन बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
श्री अजीत डोभाल ने कहा कि हिन्द महासागर क्षेत्र (आईओआर) में पड़ोसी देशों का साथ देने में आईसीजी की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि आकार में छोटी यह दृश्यमान सेवा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तस्करी रोधी और मादक पदार्थों रोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इस सेवा ने हाल ही में तटवर्ती देशों द्वारा बुलाए जाने पर हिन्द महासागर क्षेत्र से परे विभिन्न प्रदूषण प्रतिक्रिया, अग्निशमन और निषेधायोग अभियान संचालित किए हैं।
भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक के. नटराजन ने एनएसए को कोलंबो से दूर एक कंटेनर पोत एक्स-प्रेस पर्ल पर भारतीय तटरक्षक द्वारा चलाए जा रहे व्यापक अग्निशमन अभियान के बारे में जानकारी दी। ऑनसाइट क्लिप्स को देखते हुए श्री डोभाल ने पहुंच और व्यावसायिकता का प्रदर्शन करने के लिए तटरक्षक बल के प्रयासों की प्रशंसा की।
आईसीजी के लगभग 160 जहाजों और 62 विमानों के साथ दुनिया में चौथा सबसे बड़ा होने का जिक्र करते हुए वह रक्षा मंत्रालय द्वारा इस समुद्री सेवा को 200 जहाजों तथा 100 विमानों के साथ दुनिया के प्रीमियम तटरक्षकों में से एक बनाने के प्रयासों पर संतुष्टि व्यक्त की।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि तटरक्षक बल द्वारा लगभग 7500 किलोमीटर समुद्र तट की सुरक्षा पर राष्ट्र आश्वस्त महसूस करता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में अधिक जटिल सुरक्षा परिदृश्य देखने को मिलेगा और आईसीजी के पास आने वाले वर्षों में अधिक जिम्मेदारियां होंगी क्योंकि भारत के समुद्री क्षेत्र का विस्तार होकर इसमें एक्सटेंडेंड कॉन्टिनेंटल शेल्फ की हकदारियां भी शामिल होंगी।
अपने समापन भाषण में श्री डोभाल ने भारतीय तटरक्षक के वर्तमान नेतृत्व और उत्साह से लबरेज़ तटरक्षकों की सराहना की। उन्हें विश्वास था कि यह सेवा भारत के समुद्री हितों की रक्षा में अपने रास्ते में आने वाली किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार होगी।