Online Latest News Hindi News , Bollywood News

काशी के वैभव व विरासत को सहेजते हैं गंगा के घाट: कृष्ण कुमार यादव

उत्तर प्रदेश

वाराणसी के घाटों की जगप्रसिद्ध महिमा है। यहाँ जीवन से लेकर मृत्यु तक का राग सुना जा सकता है। सिर्फ धर्म और अध्यात्म ही नहीं बल्कि ज्ञान की गंगा भी यहाँ बहती है। उक्त उद्गार वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने आजादी का अमृत महोत्सव के क्रम में ‘वाराणसी के घाट’ पर डाक विभाग द्वारा पिक्चर पोस्टकार्ड का अनावरण और विशेष विरूपण जारी करते हुए व्यक्त किये। प्रयाग फिलेटलिक सोसाइटी, इलाहाबाद के तत्वावधान में वाराणसी प्रधान डाकघर में आयोजित कार्यक्रम में पोस्टमास्टर जनरल ने प्रवर डाक अधीक्षक राजन राव, गंगा सेवा निधि ट्रस्ट बोर्ड के सचिव हनुमान यादव, सीनियर पोस्टमास्टर चंद्रशेखर सिंह बरुआ, प्रयाग फिलेटलिक सोसाइटी के संयोजक राहुल गांगुली संग उक्त पिक्चर पोस्टकार्ड का अनावरण किया।

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि काशी में जीवनदायिनी गंगा नदी के किनारे अर्द्धचन्द्राकार में फैले हुए इन घाटों पर प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति विकसित हुई है। ये घाट काशी के वैभव और विरासत को सहेजते हैं। ऐसे में डाक विभाग द्वारा इन पर जारी पिक्चर पोस्टकार्ड राष्ट्रीय -अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे नए आयाम देंगे। श्रद्धालुओं, फिलेटलिस्ट, पर्यटकों, युवाओं, आमजन के साथ-साथ वाराणसी की विरासत को सहेजने वाले शोधार्थी भी इसे महत्वपूर्ण पाएंगे।

गंगा सेवा निधि ट्रस्ट बोर्ड के सचिव हनुमान यादव ने कहा कि गंगा घाट पर नित्य शाम होने वाली गंगा आरती की आकर्षक छटा इसे दिव्यता प्रदान करती है। देश-दुनिया से लोग आकर इसके मनोहारी दृश्य का साक्षी बनना चाहते हैं। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी ने कहा कि डाक विभाग और प्रयाग फिलेटलिक सोसाइटी की यह पहल सराहनीय है।

वाराणसी पूर्वी मण्डल के प्रवर डाकघर अधीक्षक राजन राव ने कहा कि गंगा के किनारे कुल 88 घाट इसे जीवंतता प्रदान करते हैं। ₹ 26 में ये पोस्टकार्ड वाराणसी फिलेटलिक ब्यूरो सहित देश के अन्य ब्यूरो में भी उपलब्ध कराए जाएंगे।

प्रयाग फिलेटलिक सोसाइटी के संयोजक राहुल गांगुली ने अतिथियों का स्वागत, सीनियर पोस्टमास्टर चंद्रशेखर बरुआ ने आभार ज्ञापन और गणेश गंभीर ने संचालन किया।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More