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भारतीय वित्‍तीय संहिता का संशोधित मसौदा वित्‍त मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद

देश-विदेश

नई दिल्ली: मौजूदा आवश्‍यकताओं के अनुरूप वित्‍तीय क्षेत्र के कानूनों को दोबारा लिखे जाने के लिए वित्‍तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग (एफएसएलआरसी) का गठन 24 मार्च, 2011 को किया गया था। आयोग ने 22 मार्च, 2013 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी।

आयोग ने वित्‍तीय क्षेत्र के लिए एक गैर क्षेत्रीय और सिद्धांत आधारित विधायी संरचना बनाने की सिफारिश की थी। इसके तहत जहां भी बेहतर शासन और उत्‍तरदायित्‍व आवश्‍यक है, वहां मौजूदा नियमन एजेंसियों को दुरूस्‍त करना और नई एजेंसियों का गठन किया जाना शामिल है।

      आयोग ने 22 मार्च, 2013 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। रिपोर्ट के दो भाग हैं:- पहला भाग ‘एनालिसिस एंड रिकमन्‍डेशन’ और दूसरा भाग ‘ड्राफ्ट लॉ’ है, जिसमें भारतीय वित्‍तीय संहिता (आईएफसी) का मसौदा दिया गया है।

      आईएफसी मसौदा और एफएसएलआरसी की रिपोर्ट 28 मार्च, 2013 को वित्‍त मंत्रालय की वेबसाइट पर डाल दी गई थी। आईएफसी मसौदे और रिपोर्ट पर 6 जून, 2013 को प्रेस विज्ञप्‍ति के जरिए जनता और हितधारकों से टिप्‍पणियां मांगी गई थीं। रिपोर्ट का हिन्‍दी संस्‍करण मंत्रालय की वेबसाइट पर सितंबर, 2013 को दिया गया था। टिप्‍पणियां भेजने के लिए एक समर्पित ई मेल feedback-fslrc@nic.inबनाई गई थी। इसके साथ ही संबं‍धित मंत्रालयों/विभागों और नियमन प्राधिकरणों से टिप्‍पणियां मांगी गई थीं। रिपोर्ट की हिंदी और अंग्रेजी प्रतियां माननीय वित्‍त मंत्री ने अक्‍टूबर, 2014 में सभी सांसदों को भेजी थीं। रिपोर्ट की प्रतियां सभी राज्‍य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों, देश के सभी विश्‍वविद्यालयों, अनुसंधान/अकादमिक संस्‍थानों, बैंक संघों आदि को भेजी गईं थीं ताकि वे रिपोर्ट पर अपनी टिप्‍पणियां दे सकें।   

      प्राप्‍त होने वाली टिप्‍पणियों के आधार पर आईएफसी मसौदे में संसोधन किया गया और उसे आईएफसी संशोधित मसौदे के रूप में वित्‍त मंत्रालय की वेबसाइट www.finmin.nic.in पर डाल दिया गया है। इन सुधारों में मुख्‍यत: वित्‍तीय एजेंसियों के नियमन उत्‍तरदायित्‍व को मजबूत बनाना, नियमन समीक्षा के लिए एफएसएटी के अधिकार संबंधी प्रावधानों को हटाना, पूंजी नियंत्रण के संचालन पक्षों को नियमबद्ध करना, मौद्रिक नीति खाका, मौद्रिक नीति समिति, महत्‍वपूर्ण भुगतान प्रणाली का नियमन, विशेष दिशा निर्देश के प्रावधानों को हटाना आदि शामिल हैं। एफएसएलआरसी रिपोर्ट आने के बाद जो कानून बने हैं उनको विचार में रखकर सुधार किए गए हैं। इन कानूनों में पेंशन निधि नियमन एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 2013 और प्रतिभूति विधि (संशोधन) अधिनियम 2014 सम्मिलित हैं। बहरहाल आईएफसी संशोधित मसौदे में जो सुधार किए गए हैं, वे पूर्ण रूप से एफएसएलआरसी रिपोर्ट की संरचना और विचारों के अनुरूप हैं।

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