नई दिल्ली: युवा मामलों और खेल मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय पैरालिम्पिक समिति (आईपीसी) से आग्रह किया है कि वह भारत के राष्ट्रीय ध्वज तले भारतीय पैरा-एथलीटों को स्पर्धा में हिस्सा लेने की अनुमति प्रदान करे। अंतर्राष्ट्रीय पैरालिम्पिक समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री जेवियर गोंजालेज के पत्र के जवाब में मंत्रालय ने यह आग्रह भी किया कि जो लोग खेल डाटा प्रबंधन प्रणाली (एसडीएमएस) के अधीन शामिल नही हैं, उन्हें भी इन स्पर्धाओं में हिस्सा लेने की अनुमति दी जाए।
श्री गोंजालेज को आज भेजे गए पत्र में भारत में पैरा-एथलीटों और पैरा-खेलों को समर्थन देने के लिए आईपीसी की प्रशंसा की गई है। पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार पैरा-एथलीटों और पैरा-खेलों को हरसंभव सहयोग कर रही है और यदि भारतीय एथलीटों पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध लगता है तथा भारत के ध्वज तले उन्हें स्पर्धा में हिस्सा लेने की अनुमति नहीं मिलती है, तो वे हतोत्साहित होंगे और पैरा-खेलों को देश में प्रोत्साहन देने के सरकारी प्रयासों को चोट पहुंचेगी।
इसके पूर्व युवा मामलों और खेल मंत्रालय को 18 मई 2015 को लिखे अपने पत्र में श्री जेवियर गोंजालेज ने उल्लेख किया था कि भारतीय एथलीटों को दंडित न करते हुए आईपीसी ने यह फैसला किया है कि जो एथलीट एसडीएमएस प्रणाली के अंतर्गत लाइसेंस प्राप्त हैं, उन्हें स्पर्धाओं में हिस्सा लेने दिया जाएगा। पत्र में यह भी कहा गया था यह एथलीट अपने देश का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे, बल्कि आईपीसी के ध्वज तले स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे।
मंत्रालय ने अपने पत्र में यह आग्रह भी किया है कि जब तक भारत में पैरा-खेलों के संबंध में एक अस्थायी संस्था बनाने के विषय में आईपीसी कोई फैसला नहीं ले लेता, तब तक एथलीटों की प्रविष्टियां भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के जरिए भेजने की अनुमति दी जाए। पत्र में कहा गया है कि साई के पास एथलीटों के अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में हिस्सा लेने और उनके लिए कोचिंग कैंप चलाने का विशेष अनुभव और विशेषज्ञता है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि भारत में पैरा-खेलों के संबंध में अस्थायी समिति बनाने के विषय में सुझाव जल्द ही आईपीसी को भेज दिए जाएंगे।