केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मध्य प्रदेश में छतरपुर के जटाशंकर धाम में जल सहेलियों के साथ वृक्षारोपण किया। साथ ही श्री शिवराज सिंह ने वाटरशेड यात्रा और जल सहेलियों की जल यात्रा समापन में सहभागिता कर जनसमूह को संबोधित किया। इस दौरान श्री चौहान ने सभी को मिट्टी और जल संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने जल सहेलियों और उपस्थितजनों से संवाद करते हुए कहा कि हमें जल बचाने के लिए आगे आना पड़ेगा, जल के बिना ये दुनिया नहीं चल सकती है। अगर धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए बचाना है तो पानी बचाना होगा। केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह का खजुराहो से लेकर छतरपुर, जटाशंकर धाम तक आम जनता ने भव्य स्वागत किया।
केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुझे दिल्ली की मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण में सम्मिलित होने का आमंत्रण मिला, लेकिन मैं वचनबद्ध था, मुझे बताया गया था कि जल सहेलियां पानी बचाने के लिए जल यात्रा निकालने वाली हैं। उन्होंने कहा कि बहनों मैंने तुम्हारी तड़प देखी, तुम्हारे दिल की लगन देखी और बहन जब आग्रहपूर्वक भाई से कहती है तो भाई कैसे टाल सकता है। मैंने कहा कि मेरी बहनों तुम्हारे जल संरक्षण के अभियान को प्रणाम करने मैं जरूर आऊंगा। बहनों ने बुलाया और भाई चला आया। वहीं, केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि पानी बचाने के लिए वाटरशेड यात्रा निकाली जा रही है लेकिन कितने लोग जुड़ रहे हैं..? सही मायने में यात्रा से जोड़ने वाली तो जल सहेलियां हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अब मैं ये तय कर रहा हूँ कि, जल के संरक्षण में जल सहेलियों का पूरा सहयोग लिया जाएगा। इस यात्रा में मेरे साथ भारत सरकार के अधिकारी भी आएंगे और बहनों के साथ मिलकर जल बचाएंगे। जल बचेगा तो जीवन बचेगा, जल सहेलियां अद्भुत काम कर रही है।
केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह ने कहा कि पानी बचाने सभी को आगे आना पड़ेगा तब ही हमारी जिंदगी बचेगी, बच्चों का भविष्य बचेगा। उन्होंने कहा कि मैं ये कहने का अधिकारी इसलिए हूँ कि पानी और धरती बचाने के लिए मैं रोज पेड़ लगाता हूँ। आज मैं बहुत प्रसन्न हूँ मैंने अपनी बहनों के साथ पेड़ लगाया। मुझे पेड़ लगाते हुए 4 साल पूरे हो गए हैं आज 5वां साल प्रारंभ हुआ है। मुझे कोविड हो गया था तब भी मैंने कह दिया था कि गड्ढा करके पेड़ रख दो और दूर चले जाओ, मैं पेड़ लगाकर चला जाऊंगा। पेड़ हमें ऑक्सिजन देते हैं और पेड़ पानी भी बचाते हैं। एक पेड़ बरसात के पानी को जड़ों से अवशोषित करता है और जब गर्मी आ जाती है तो बूंद-बूंद छोड़ता है, जिससे धरती में नमी रहती है, मिट्टी के कटाव को रोकता है और पानी भी बचाता है।
श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लाड़ली बहनों को केवल लाड़ली बहनें ही नहीं रहना है, अब लखपति दीदी बनना है और ये हम करके रहेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी विजनरी नेता हैं और भारत को वरदान हैं। उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग भी मुझे दिया है और इसी विभाग के अंतर्गत लखपति दीदी अभियान भी आता है। लखपति दीदी का मतलब है, घर का कामकाज करते हुए हर एक बहन की सालाना आमदनी 1 लाख रूपए से अधिक हो। आजीविका मिशन के माध्यम से सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर हम कई तरह के काम प्रारंभ करेंगे और हर बहन स्व-सहायता समूह से भी जुड़ जाएं। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि मैं जल सहेलियों से भी आह्वान करता हूं कि वो भी आजीविका मिशन से जुड़ें और हम कई काम करके अपनी आमदनी बढ़ाएंगे, हम अपने पैरों पर खड़े होंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। हमारी बहनें गरीब नहीं रहेंगी और हम पूरे देश में परिश्रम की पराकाष्ठा कर इस अभियान को चलाएंगे और इसमें जल सहेलियों का भी सहयोग लेंगे।
केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर गरीब को पक्का मकान श्री मोदी का संकल्प है। हर पात्र व्यक्ति को पक्का आवास दिया जाएगा, उनका पक्के घर का सपना साकार किया जाएगा और इसके लिए फिर से सर्वे शुरू कर दिया गया है। साथ ही नियमों में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। पहले जिनके पास दो पहिया वाहन होते थे उन्हें पक्का आवास नहीं दिया जाता था, लेकिन अब दो पहिया वाहन वाले भी पक्के आवास के लिए पात्र होंगे। इसी तरह पहले जिनकी मासिक आमदनी 10 हजार रूपए से ज्यादा थी वो पक्के आवास के लिए पात्र नहीं होते थे लेकिन अब 15 हजार की आय वाले भी पात्र होंगे। वहीं ढाई एकड़ सिंचित और 5 एक असिंचित जमीन वाले किसानों को भी अब पक्का आवास दिया जाएगा। वहीं श्री शिवराज सिंह ने कहा कि अब पक्के आवास के लिए हितग्राही घर बैठे अपने मोबाईल से खुद भी सर्वे कर सकता है। हितग्राही अपने मोबाईल में एप पर लॉगिन करें, आधार नंबर डालें, पूरी जानकारी भरें और खुद का फोटो खींचकर अपलोड कर दें और हितग्राही का सूची में नाम जुड़ जाएगा।