नई दिल्ली: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक सांविधिक निकायप्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा कोविड-19 से लड़ने के आमंत्रण पर भारतीय उद्योग और स्टार्ट-अप्स ने उत्साहपूर्वक प्रतिक्रिया जाहिर की है।
भारतीय कंपनियों को स्वदेशी प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण या आयातित प्रौद्योगिकी के अनुकूलन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने वाले टीडीबी ने 20 मार्च, 2020 को कोरोना वायरस से लड़ने में देश की मुख्य क्षमताओं को मजबूत करने के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए थे। इसने निगरानी, प्रयोगशाला सहायता, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण, रसद, जोखिम संचारऔर विशेष रूप सेमहामारी के प्रसार को रोकने, गंभीर रूप से बीमार रोगियों को क्वारटीन किए जाने और उनके प्रबंधन के संदर्भ में क्षमताओं को मजबूत करने का काम किया है।
आमंत्रण का प्रभाव व्यापक थाऔर पहले सप्ताह में ही 300 से अधिक कंपनियों ने टीडीबी पोर्टल पर पंजीकरण करके अपनी उपस्थिति दर्ज की। इसके अलावा140 कंपनियों ने अब तक अपने प्रस्ताव प्रस्तुत किए हैं। इनमें से कई स्टार्टअप्स से हैं जो उपर्युक्त क्षेत्रों को कवर करने वाले अभिनव समाधान पेश किए हैं।
डीएसटी के सचिवप्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, “कोविड-19 से संबंधित उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को लेकर सहयोग के टीडीबी के आह्वान पर तेजी से हमारे स्टार्टअप और एमएसएमई की छिपी हुई क्षमताओं का पता चला है। राष्ट्र को इसकी भरपाई करने की आवश्यकता है। हम जल्दी और पूरी तरह से और स्वदेशी तकनीक के निर्माण की चुनौतियों का सामना करने के लिए नए जोश के साथ आगे बढ़ेंगे। इस दिशा में उठाए गए हर कदम का कई गुना असर होगा।”
डायग्नोस्टिक किट पर कई प्रस्ताव मिले है जिनमें रियल टाइम रिवर्स ट्रांसक्रिप्टास पीसीआर (आरटी-पीसीआर) और साथ ही एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट शामिल है। इसके तहत कागज-आधारित ऑन-चिप और यहां तक कि प्वाइंट ऑफ केयर के लिए नैनो-फ्लूडिक प्लेटफार्म जैसे समाधान की पेशकश की गई।
बायोटेक की दुनिया में देखा जाए तो कुछ टीके के विकास के लिए हैं, कुछ मार्करों के आधार पर बीमारी की गंभीरता की पहचान करने के लिए प्वॉइंट ऑफ केयर डिवाइस के लिए हैं, और बाकी प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त उत्पादों के लिए स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार के साधन के रूप में हैं।
विभिन्न कंपनियों ने डिजाइन, सामग्री और उत्पादन तकनीकों में नवाचारों की शुरुआत करते हुए बड़े पैमाने पर लागत प्रभावी यानी किफायती मास्क के उत्पादन की पेशकश की है।इस क्षेत्र में अधिकांश कंपनियों ने किफायती सामान्य मास्क हैं, जिसमें बुना हुआ मास्क भी शामिल है, के निर्माण के प्रस्ताव पेश किए। इसके अलावा, एंटीवायरल ड्रग 3डी प्रिंटेड मास्क, नैनोफाइबर कोटेड एन-95 मास्क, पोविडोन आयोडीन थिन-फिल्म कोटेड मास्क को सामूहिक खपत के लिहाज से निर्णाण का प्रस्ताव पेश किया।
बड़े पैमाने पर सैनिटाइजेशन और स्ट्रीलाइजेशन के प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनमें हैंड सैनेटाइजर से लेकर ऑटोमेटेड डिसइनफेक्शन रोबोट शामिल हैं, जो फुल डेप्थ डिसइनफेक्शन साइकल (एफडीडीसी) प्रौद्योगिकी जिसका इस्तेमाल बड़े पैमाने पर सैनिटाइजेशन के लिए किया जाता है। कई कंपनियों ने अपने उत्पादों में कीटाणुशोधन के लिए सिल्वर नैनो कणों के एंटीवायरल गुणों का पता लगाया है, कीटाणुशोधन कक्षों, थाइमोल और तरल ओजोन-आधारित कीटाणुशोधन तकनीकों में यूवी किरणों के कीटाणुनाशक गुणों का उपयोग और साथ ही इलेक्ट्रोस्टैटिक स्प्रेयर जैसी अभिनव छिड़काव वाली मशीनें शामिल हैं।
थर्मल स्कैनर के लिए भी प्रस्ताव मिले हैं जिनमें बड़े पैमाने पर प्रारंभिक स्क्रीनिंग प्रावधान के साथ, हाई-रिज़ॉल्यूशन तापमान रेंज के साथ स्क्रीनिंग सिस्टम की उपलब्धता और हाई-डिग्री तापमान रेंज के साथ 0.3 डिग्री से कम के टैम्परेचर की जांच की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं।इनमें से कुछ कंपनियों ने खाद्य और दवा वितरण, सेल्फ-अस्सेमेंट के लिए ऐप्स,क्वारनटीन निगरानी के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए बेहतर स्कैनिंग परिणाम प्राप्त करने के लिए कंप्यूटिंग तकनीकों, आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस, टेलीमेडिसिन की सुविधा मुहैया कराने का दावा पेश किया। बहरहाल, परियोजनाओं का मूल्यांकन विशेषज्ञ समितियों द्वारा उनकी तकनीकी क्षमता और वित्तीय सहायता के लिए किया जा रहा है।
(और अधिक जानकारी के लिए नवनीत कौशिक, सेक्शन इंजीनियर प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड navneetkaushik.tdb@gmail.com, Mob: 9560611391से संपर्क करें)