नई दिल्ली: मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबीन इरानी ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि भारतीय प्रबंधन संस्थानों के संबंध में विधेयक के मसौदे का उद्देश्य है कि इन संस्थानों को वैधानिक दर्जा दिया जाए ताकि संस्थानों द्वारा चलाए जा रहे
अकादमिक पाठ्यक्रमों के लिए वे अपने छात्रों को डिग्री प्रदान कर सकें। यह संस्थान ऐसे प्रमुख संस्थान हैं जो परामर्श, वित्त, विपणन एवं मानव संसाधन जैसे क्षेत्रों में विभिन्न उद्योगों तथा निर्माण एवं सेवा क्षेत्रों को विश्व स्तरीय उच्च कौशल प्राप्त और बेहतरीन पेशेवर उपलब्ध कराते हैं। इसके अलावा इन संस्थानों के छात्र देश की आर्थिक उन्नति बढ़ाने के लिए इको प्रणाली के विकास में भी सहयोग करते हैं। अभी की स्थिति यह है कि यह संस्थान केवल प्रमाण पत्र, स्नातकोत्तर डिप्लोमा और फेलोशिप ही प्रदान करते हैं जिन्हें अकादमिक और अनुसंधान के क्षेत्रों में पूरी मान्यता प्राप्त नहीं है। विधेयक के जरिए इन संस्थानों की स्वायत्तता को सुनिश्चित किया जाएगा और उन्हें अकादमिक तथा वित्तीय मामलों में उत्तरदायी भी बनाया जाएगा।
भारतीय प्रबंधन संस्थान के विधेयक मसौदे पर इन संस्थानों सहित हितधारकों के सुझाव और विचार प्राप्त हो चुके हैं। इन विचारों और सुझावों पर गौर करने के बाद केंद्र सरकार निर्णय करेगी।
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