भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस सतपुड़ा (एक इंटिग्रल हेलीकॉप्टर के साथ) तथा पी 8I लॉन्ग रेंज मैरीटाइम पैट्रोल एयरक्राफ्ट के साथ आईएनएस किल्तान पहली बार बहुपक्षीय सामुद्रिक अभ्यास ला पेरॉस में भाग ले रहे हैं जिसका संचालन 5 से 7 अप्रैल 2021 तक पूर्वी हिंद महासागर में किया जा रहा है। भारतीय नौसेना के जहाज तथा विमान फ्रांस की नौसेना (एफएन), रॉयल ऑस्ट्रेलियन नेवी (आरएएन), जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) तथा यूनाइटेट स्टेट्स नेवी (यूएसएन) के जहाजों तथा विमान के साथ समुद्र में तीन दिनों के अभ्यास में भाग ले रहे हैं।
फ्रांस की नौसेना के नेतृत्व में ला पेरॉस अभ्यास में पानी और स्थल दोनों जगह चलने वाले एक एसॉल्ट शिप एफएन शिप्स टोनेरे तथा फ्रिगेट सर्कोफ की भागीदारी है। अभ्यास में अमेरिकी नौसेना का प्रतिनिधित्व पानी और स्थल दोनों जगह चलने वाले ट्रांसपोर्ट डॉक शिप समरसेट द्वारा किया जा रहा है। अभ्यास में भाग लेने के लिए आरएएन द्वारा हर मेजेस्टी ऑस्ट्रेलियन शिप (एचएमएएस) एनजैक, एक फ्रिगेट तथा टैंकर सीरियस तैनात किया गया है, जबकि जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स शिप (जेएमएसडीएफ) का प्रतिनिधित्व डेस्ट्रॉयर एकेबोनो द्वारा किया गया है। जहाजों के अतिरिक्त, अभ्यास में इंटीग्रल हेलीकॉप्टर जो ऑनबोर्ड जहाजों के साथ जुड़े हैं, भी भाग लेंगे।
ला पेरॉस अभ्यास में सर्फेस वॉरफेयर, एंटी-एयर वॉरफेयर और एयर डिफेंस एक्सरसाइजेज, वीपन फायरिंग एक्सरसाइजेज, क्रॉस डेक फ्लाइंग ऑपरेशंस, सामरिक युद्धाभ्यास और समुद्र में फिर से ईंधन भरने जैसे नाविक कला विकास से जुड़े जटिल और उन्नत नौसेना अभ्यास देखने को मिलेगा।
यह अभ्यास मित्र देशों की नौसेनाओं के बीच उच्च स्तर के तालमेल, समन्वय और परस्पर-संचालन को प्रदर्शित करेगा। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना द्वारा भाग लेना मैत्रीपूर्ण नौसेनाओं के साथ साझा मूल्यों को प्रदर्शित करता है और समुद्र की आजादी तथा एक खुली, समावेशी भारत-प्रशांत और एक नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति उसकी प्रतिबद्धता सुनिश्चित करता है।