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भारतीय नौसेना का ‘मिशन डिप्लॉइड और कॉम्बैट रेडी’ जारी

देश-विदेश

नई दिल्ली: कोविड-19 के परीक्षण का परिणाम सकारात्मक मिलने के बाद जिन 26 नाविकों को मुंबई में क्वारंटाइन के लिए रखा गया है, वे आईएनएस आंग्रे, एक तटीय इकाई से संबंधित है। अब तक भारतीय नौसेना के किसी भी जहाज, पनडुब्बी या हवाई स्टेशन पर कोविड-19 का एक भी मामला सामने नहीं आया था। हमारे नौसेना की परिसंपत्तियों का तीनों आयामों पर ‘मिशन-डिप्लॉयड’ जारी है, जिसमें सभी नेटवर्क और अंतरिक्ष परिसंपत्तियां सर्वोत्कृष्ट तरीके से काम कर रही हैं। नौसेना कॉम्बैट रेडी, मिशन-कैपेबल बनी हुई है और महामारी से लड़ने के राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाने के साथ-साथ आईओआर में हमारे पड़ोसी मित्रों को सहायता प्रदान करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है।

हमारी परिसंपत्तियां पूर्व में मलक्का जलडमरूमध्य से लेकर पश्चिम में बाब-अल-मन्देब तक के विशाल समुद्री क्षेत्र को कवर करने के लिए गश्त कर रही हैं, जिसमें एडन की खाड़ी में हमारे व्यापारिक जहाजों और समुद्री-डाकू विरोधी गश्ती दलों को संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए ‘ऑपरेशन संकल्प’ भी शामिल है।

इन कोविड-19 मामलों का सामने आना, पश्चिमी नौसेना कमान द्वारा किए गए सावधानीपूर्वक संपर्क ट्रेसिंग और आक्रामक स्क्रीनिंग/ परीक्षण का परिणाम है जो कि 07 अप्रैल को एक नाविक का परीक्षण सकारात्मक आने के बाद किया गया। इन सभी नाविकों में अबतक संक्रमण का लक्षण सामने नहीं आया है और उनकी निगरानी आईएचएस अश्वनी में सबसे अच्छे चिकित्सा पेशेवरों की देखरेख में की जा रही है।

जबसे नाविक में कोविड-19 का परीक्षण सकारात्मक मिला है, तबसे यूनिट के पूरे परिसर को बंद कर दिया गया है। संरोधन जोनों और प्रतिरोधक क्षेत्रों को नामित किया जा चुका है और प्रोटोकॉल के अनुसार लगातार विसंक्रमीकरण किया जा रहा है जिससे संचरण की श्रंखला में रूकावट डालकर प्रसार को रोका जा सके। नौसेना परिसर के अंदर अन्य सभी क्षेत्रों में सख्ती के साथ लॉकडाउन को लागू किया गया है और कर्मियों और उनके परिवारों के लिए सख्त क्वारंटाइन और सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं, और मामलों की पहचान के लिए डोर टू डोर स्क्रीनिंग की जा रही है, अगर कोई मामला हो।

सुरक्षा के लिए सभी तटीय और अपतटीय मिशन पहले की तरह जारी हैं। तत्काल आकस्मिकताओं को पूरा करने के साथ-साथ सिविल प्राधिकरणों और मैत्रीपूर्ण समुद्री पड़ोसियों की सहायता करने के बाद, 14 दिन की क्वारंटाइन दिनचर्या का पालन किया जा रहा है जिससे तत्परता के साथ परिचालन इकाइयों को बनाए रखा जा सके।

हमारे देशवासियों के उपयोग के लिए मुंबई, गोवा, कोच्चि और विशाखापत्तनम के नौसेना परिसरों में कई क्वारंटाइन सुविधाएं स्थापित की गई हैं। पिछले सप्ताह, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर, केंद्र शासित प्रदेशों से 44 पूर्व-ईरानी तीर्थयात्रियों का एक समूह, जो मुंबई में नौसैना के सुविधा केंद्र में क्वारंटाइन थे, भारतीय नौसेना द्वारा प्रदान किए गए देखभाल और सहूलियत से पूरी तरह संतुष्ट होकर अपने घरों की ओर लौट गए। नौसेना के विमानों ने राज्य सरकारों की सहायता के लिए, आपूर्ति और कर्मियों की उड़ान वाले कई मिशनों को अंजाम दिया है।

भारतीय नौसेना अनुभवों को साझा करने में सक्रिय रही है, और भारतीय नौसेना द्वारा अपनाई गई एसओपी को हिंद महासागर नौसेना सिम्पोज़ीअम (आईओएनएस) वेबसाइट पर प्रदर्शित किया गया है, जिसका उद्देश्य अन्य नौसेनाओं के साथ हमारे प्रोटोकॉल को साझा करना है।

भारतीय नौसेना संक्रमण के प्रसार को अधिकतम सीमा तक नियंत्रित करने के लिए प्रतिबद्ध है और समुद्री क्षेत्र में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा की तरह तैयार है।

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