नई दिल्ली: गोवा में 47वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह के उद्घाटन के एक दिन बाद केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने भारतीय पैनोरमा का उद्घाटन किया। भारतीय पैनोरमा में 26 फीचर और 21 गैर-फीचर फिल्में शामिल की गई हैं। भारतीय फिल्मकारों की कहानी कहने की शैली की प्रशंसा करते हुए श्री नायडू ने कहा कि हम आज यहां सिनेमा की सृजन की असीम शक्ति का उत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय पैनोरमा भारत के युवा फिल्मकारों को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मंच है। उन्होंने कहा कि भारतीय पैनोरमा-2016 ने बिना सेंसर वाली फिल्मों तथा नई फिल्मों के प्रोत्साहित करने के लिए प्रविष्टि की अवधि को बढ़ाया।
फीचर फिल्मों की जूरी के अध्यक्ष जाने-माने निर्देशक-निर्माता श्री राजेंद्र सिंह बाबू ने 230 फिल्मों में से 26 फिल्मों का चयन किया जबकि गैर-फीचर फिल्मों का चयन जाने-माने वृतचित्र निर्माता श्री अरविन्द सिन्हा ने 199 फिल्मों में से 21 फिल्मों का चयान किया।
भारतीय पैनोरमा 2016 में सबसे पहले जी प्रभा निर्देशित संस्कृत फिल्म ‘ईश्ति ‘ दिकाई गई। इसमें बीसवीं सदी के मध्य के केरल को दिखाया गया है जिसमें एक नंबूदिरी ब्राह्मण युवा ब्राह्मण समुदाय की कट्टर पैतृक परंपराओं को सफलतापूर्वक चुनौती देता है। यह लगातार दूसरा अवसर है जब भारतीय पैनोरमा का प्रारंभ संस्कृत फिल्म के साथ हुआ है।
भारतीय पैनोरमा के गैर-फीचर वर्ग में बोबो खुरइजाम द्वारा निर्देशित गैर-फीचर फिल्म ‘ईमा साबित्री’ दिखाई गई। भारतीय मंच कलाकार और मणिपुर की प्रसिद्ध नाटक व्यक्तित्व सबित्री की छवि दिखाई गई है। भारतीय पैनोरमा में में इस वर्ष पूर्वोत्तर की 5 फिल्में शामिल की गई हैं।
भारतीय पैनोरमा के 47वें संस्करण के लिए देश भर से 429 पात्र फीचर और गैर-फीचर फिल्में आईं। इसमें से 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 2015 की श्रेष्ठ फीचर और श्रेष्ठ गैर फीचर फिल्मों सहित 26 फीचर और 21 गैर-फीचर फिल्में शामिल की गईं।
इस अवसर पर निर्णायक मंडल के अध्यक्ष श्री राजेंद्र सिंह बाबू ने कहा कि निर्णायक मंडल नए विषयों, कहानी कहने के न केवल प्रसिद्ध फिल्मकारों बल्कि प्रतिभाशाली युवा फिल्मकारों के तरीकों से भी प्रभावित हुआ है। श्री बाबू ने सुझाव दिया कि भारतीय पैनोरमा में प्रविष्टियों की बढ़ती संख्या के कारण प्राथमिक और अंतिम चयन प्रक्रिया विकसित की जानी चाहिए।
गैर-फीचर फिल्म के जूरी श्री अरविन्द सिन्हा ने कहा कि युवा फिल्मकारों की दिलचस्प फिल्में देखने को मिली। अनेक विषयों पर और सिनेमा के तरीकों से पूर्वोत्तर क्षेत्र से कुछ असाधारण फिल्में भी दिखी। इसमें ‘इमा साबित्री’ शामिल है।
भारतीय पैनोरमा के लिए फीचर फिल्म की जूरी में अध्यक्ष एस.बी.राजेन्द्र सिंह बाबू, जाने-माने गीतकार अनथियान, असमी फिल्मकार अरूप मन्ना निर्माता सी.वी.रेड्डी, कलाकार गिरीश मोहिते, लेखक के.पुत्तास्वामी, मलयालम फिल्म और टीवी निर्माता एन. कृष्णकुमार, टीवी निर्माता रमा विज, ओडिया फिल्मकार सव्यसाची महापात्र, लेखक, निर्देशक संजय पवार, जानेमाने फिल्म समीक्षक सतिन्द्र मोहन, सत्यजीत रे फिल्म और टीवी संस्थान के पूर्व निर्देशक स्वप्न मलिक तथा पेंटर कार्टूनिस्ट उदय शंकर पाणि थे।
गैर-फीचर फिल्म की जूरी में अध्यक्ष अरविन्द सिन्हा, जानी मानी वृत्तचित्र निर्माता आरती श्रीवास्तव, लघु फिल्मकार अभिजीत मजुमदार, एनीमेशन विशेषज्ञ गौतम बेनेगल तथा फिल्मकार मधुरिता आनंद और सोनल हाओबम तथा फिल्म समीक्षक सुरेश शर्मा थे।