18.1 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारतीय रेल ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अभिनव तरीके अपनाए और माल परिवहन का नया रिकार्ड बनाया

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारतीय रेल ने कोरोना वायरस की चुनौतियों और इसके प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन में सरकार के प्रयासों को मजबूत करने के लिए राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के दौरान अपनी माल सेवाओं के माध्यम से खाद्यान्न जैसी आवश्यक वस्तुओं का वितरण जारी रखा है I

केंद्र सरकार आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने और कृषि उपज के राज्य के भीतर तथा एक राज्य से दूसरे राज्य में बिना किसी बाधा के पहुंचना सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। भारतीय रेल ने इस वर्ष 1 अप्रैल से 16 अप्रैल के बीच 3.2 मिलियन टन से अधिक खाद्यान्न की ढुलाई की , जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 1.29 मिलियन टन खाद्यान्न की ढुलाई की गई थी।

तीव्र गति से बड़ी मात्रा में वितरण सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रेल ने दो मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाने का अभिनव तरीका अपनाया है। सफलता और नवाचार के ये किस्से उत्तरी रेलवे और दक्षिण मध्य रेलवे से संबंधित हैं।

 उत्तर रेलवे ने 5000 टन खाद्यान्न ढ़ोने वाली लंबी दूरी की मालगाड़ियां तैयार की हैं। ऐसी 25 रेलगाड़ियां 16 अप्रैल 2020 तक असम, बिहार, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मिजोरम जैसे राज्यों के लिए चलाई जा चुकी हैं। ऐसी मालगाड़ियां पूर्वोत्तर में न्यू बोंगईगांव तक खाद्यान्नों की खेप पहुंचा चुकी हैं।

     उत्तर रेलवे के इस प्रयास की तरह ही दक्षिण मध्य रेलवे ने भी देश के विभिन्न हिस्सों में खाद्यान्नों की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए “जय किसान” के नाम से विशेष मालगाड़ियां चलाने की अनूठी पहल की है। इस नई पहल के तहत , अलग-अलग स्टेशनों से खाद्यान्नों को लेकर रवाना हुई दो मालगाड़ियों को निकटतम जंक्शन पर जोड़ा जाता है और गंतव्य स्टेशनों तक एक रेलगाड़ी के रूप में ले जाया जाता है। यात्री रेलगाड़ियां बंद होने की वजह से इन मालगाड़ियों के परिचालन में आसानी होती है।

   सामान्य परिस्थितियों में, एक मालगाड़ी जिसमें 42  वैगन होते हैं, लगभग 2600 टन ढुलाई की क्षमता रखती  है लेकिन नई अवधारणा के तहत ऐसी दो मालगाड़ियों को मिलाकर एकसाथ चलाने का मतलब है कि यह 84 वैगन वाली ऐसी गाड़ियां बन जाती हैं जो एक बार में 5200 टन खाद्यान्न ले जाने में सक्षम होती हैं। इससे मालपरिवहन के समय में काफी कमी आती है।

      दक्षिण मध्य रेलवे ने ऐसी दो ‘जय किसान’ स्पेशल मालगाड़ियां चलाई हैं। पहली ऐसी गाड़ी को दक्षिण मध्य रेलवे पर तेलंगाना में दोरनाकल जंक्शन से दक्षिणी रेलवे के (सेवुरू और चेट्टीनाड) तक चलाया गया। दोरनाकल में ही इस मालगाड़ी के साथ एक और मालगाड़ी को मिलाया गया और फिर आगे गंतव्य तक रवाना किया गया। इसी तरह की दूसरी जय किसान मालगाड़ी को भी दोरनाकल जंक्शन  में एक और मालगाड़ी के साथ मिलाकर  दक्षिणी रेलवे के(डिंडीगल और मुड़ियापक्कम) तक पहुंचाया गया। गौरतलब है कि इन मालगाड़ियों ने आवश्यक वस्तुओं की शीघ्र आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य को पूरा करते हुए 44 किमी प्रति घंटे की औसत गति दर्ज की है।

लॉकडाउन की अवधि में,राज्यों में आवश्यकता के अनुसार आपूर्ति श्रृंखला की निरंतरता के लिए भारतीय खाद्य निगम के साथ नियोजन करना काफी कठिन काम रहा। लॉकडाउन के दौरान कर्मचारियों और अधिकारियों को कार्यालय और नियंत्रण कक्ष तक लाने ले जाने के लिए आपातकालीन वाहनों और विशेष रेगाड़ियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

   रेलवे के परिचालन अधिकारी टर्मिनल रिलीज और श्रमिकों की उपलब्धता के लिए जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेटों तथा शीर्ष स्तर पर गृह मंत्रालय के साथ समन्वय बनाए रखने का काम कर रहे हैं। कार्यालयों में कामकाज का संचालन बेहद कुशलता के साथ किया जा रहा है ताकि कर्मचारी पूरे आत्मविश्वास के साथ खुद को सुरक्षित महसूस करें।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More