नई दिल्ली: रेलमंत्रालय की आईआरसीटीसी वेबसाइट के पिछले एक सप्ताह से सुबह के समय सही तरीके से काम न कर पाने के संबंध में शिकायतें दर्ज की गई हैं। ये शिकायतें निम्न लिखित विषयों के संदर्भ में हैं :- 1. साइट तक पहुंचने में असुविधा
2. लेनदेन को पूरा करने में व्यवधान
3. लम्बी कतार/प्रतीक्षा समय
4. अनुचित टिकट कार्यसम्पादन
5. स्वयं लॉगआउट
रेल मंत्रालय यह स्पष्ट करना चाहता है कि आईआरसीटीसी वेबसाइट पर एक निर्धारित स्तर तक के लेनदेन कार्यसम्पादनों की क्षमता है, हालांकि 21 मई 2015 से कोटा-मथुरा रेलमार्ग पर आंदोलन के कारण रेल प्रणाली पर ट्रेनों के अप्रत्याशित रूप से रद्द होने से दवाब बढ़ा है, जो अभी भी जारी है। इस खंड पर दक्षिण और उत्तर के बीच और उत्तर से पश्चिम के बीच चलने वाली प्रमुख रेल सेवा आंदोलन के कारण बंद है। 27 मई, 2015 की दोपहर 1 बजे तक 208 मेल/ एक्सप्रेस रेलों को रद्द किया जा चुका है। 9 को आंशिक रूप से रद्द किया गया है और 109 रेलों को वैकल्पिक रेल मार्ग से भेजा गया है। ट्रेनों के रद्द/वैकल्पिक मार्ग से जाने के कारण टिकटों के आरक्षण को रद्द, संशोधित आरक्षण आवेदन और पूछताछ आदि का अप्रत्याशित रूप से स्तर बढ़ गया है।
यह ध्यान दिये जाने योग्य है कि आंदोलन के प्रारंभ होने से अब तक प्रतिदिन 1.9 लाख टिकट रद्द किये जा रहे हैं। जबकि सामान्य तौर पर यह आईआरसीटीसी वेबसाइट पर 1.1 लाख था। इसमें 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह भी ध्यान दिए जाने योग्य है कि एक यात्रा के रद्द होने पर आगामी भविष्यगत तिथि के लिए आरक्षण का संशोधित आवेदन किया जाता है। इससे आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर अप्रत्याशित रूप से हिट्स का बोझ बढ़ा है। यह भी ध्यान दिए जाने योग्य है कि जब एक यात्री अपनी टिकट रद्द करता है तो वह तत्काल टिकट के लिए प्रयास करता है और इसके लिए तत्काल समयावधि के दौरान सुबह 10.30 बजे साइट पर ट्रैफिक बढ़ जाता है। सामान्य तौर पर सुबह 10.00 बजे से 11.00 बजे तक 10 मिलियन हिट्स की तुलना में आंदोलन प्रारंभ होने के बाद से 22 मई, 2015 को यह 30 मिलियन तक पहुंच गया था।
आईआरसीटीसी वेबसाइट ऐसी असामान्य वृद्धि के अचानक होने के लिए तैयार नहीं थी इसलिए ये शिकायतें दर्ज की गईं। हालांकि संकट के इस क्षण में समस्या से निपटने के लिए कदम उठा लिए गए हैं और अचानक बढ़े इस ट्रैफिक से निपटने और साइट की बुकिंग क्षमता बढ़ाने के लिए एक अतिरिक्त सर्वर लगाया जा रहा है।