नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने 6 राज्यों यथा बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ के तहत 6,40,000 से भी अधिक मानव कार्य दिवस सृजित किए हैं।
रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल इन परियोजनाओं की प्रगति और इस योजना के तहत इन राज्यों के प्रवासी श्रमिकों के लिए सृजित कार्य अवसरों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। इन राज्यों में लगभग 165 रेल अवसंरचना परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
21 अगस्त, 2020 तक 12,276 श्रमिकों को इस अभियान से जोड़ा गया है और कार्यान्वित की जा रही परियोजनाओं के लिए ठेकेदारों को 1,410.35 करोड़ रुपये की भुगतान राशि जारी की गई है।
रेलवे ने प्रत्येक जिले के साथ-साथ राज्यों में भी प्रमुख (नोडल) अधिकारी नियुक्त किए हैं, ताकि राज्य सरकार के साथ सही ढंग से समन्वय स्थापित किया जा सके।
रेलवे ने कुछ विशेष कार्यों की पहचान की है जिनपर इस योजना के तहत काम चल रहा है। ये कार्य (i) रेलवे के समतल क्रॉसिंग के लिए उप-मार्गों के निर्माण और रख-रखाव, (ii) रेलवे ट्रैक के किनारे जलमार्गों, खाइयों और नालों का विकास और उनकी साफ-सफाई, (iii) रेलवे स्टेशनों के लिए उप-मार्गों का निर्माण और रख-रखाव, (iv) रेलवे के मौजूदा किनारों (तटबंधों) / उप-मार्गों की मरम्मत और चौड़ीकरण, (v) रेलवे की ज़मीन की अंतिम सीमा पर वृक्षारोपण करना और (vi)मौजूदा किनारों (तटबंधों) / उप-मार्गों / पुलों के संरक्षण कार्य से जुड़े हुए हैं।
यह ध्यान देने योग्य बात है कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के नाम से बड़े पैमाने पर रोजगार- सह- ग्रामीण सार्वजनिक कार्य अभियान का शुभारम्भ किया जिसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी के डर से बड़ी संख्या में अपने इलाकों / गांवों में लौटे प्रवासी मजदूरों का सशक्तिकरण करना और उन्हें उनके गांव में ही आजीविका के अवसर प्रदान करना है। प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जा रहा है और इसमें 116 जिलों में कार्यों/गतिविधियों के 25 वर्गों का केंद्रित कार्यान्वयन शामिल है। इनमें से प्रत्येक जिला 6 राज्यों-बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा से संबंधित हैं जहां लौटने वाले प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या है। इस अभियान के दौरान आरंभ किए जाने वाले सार्वजनिक कार्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का वित्तीय संसाधन (रिसोर्स इन्वेलप) उपलब्ध होगा।
यह अभियान आजीविका अवसरों के संवर्धन से संबंधित 25 सार्वजनिक अवसंरचना कार्यों के त्वरित कार्यान्वयन के लिए 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों अर्थात – ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पीने का पानी एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, बोर्डर रोड्स, दूरसंचार एवं कृषि के बीच संमिलित प्रयास है।