नई दिल्ली: भारतीय रेलवे एसोचैम की साझेदारी में रेल विद्युत अभियंता संस्थान (आईआरईई) के जरिए कल यानि 3 नवंबर, 2016 को ‘भारतीय रेलवे को कार्बन रहित करने- मिशन विद्युतीकरण’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगी। रेलवे बोर्ड के सदस्य (संकर्षण) श्री अश्विनी कुमार कपूर ने आज इस सम्मेलन के बारे में अवगत कराया और निम्नलिखित जानकारियां दीं :
• ‘भारतीय रेलवे को कार्बन रहित करने- मिशन विद्युतीकरण’ पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में 3 नवंबर, 2016 को आयोजित किया जाएगा।
• इस सम्मेलन का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को एक साझा मंच पर लाना है, ताकि विचारों का आदान-प्रदान हो सके और इसके साथ ही विद्युतीकरण की गति में उल्लेखनीय वृद्धि करने और वर्ष 2020 तक 1000 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ नवीकरणीय ऊर्जा के संयंत्रों की स्थापना के लक्ष्य को पाने के लिए विभिन्न अमल योग्य प्रौद्योगिकी समाधानों एवं वित्तीय विकल्पों पर विचार किया जा सके।
• इसके अलावा, भारतीय रेलवे के विद्युतीकृत नेटवर्क और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग की दिशा में अगले पांच वर्षों के दौरान भारी-भरकम निवेश से जुड़ी इसकी योजना को ध्यान में रखते हुए सम्मेलन में भारतीय रेलवे को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में पेश किया जाएगा।
• सम्मेलन के दौरान नीति, तकनीकी आधुनिकीकरण, यंत्रीकरण, नवाचार और रेलवे के विद्युतीकरण एवं इसे कार्बन रहित बनाने के मॉडल के वित्त पोषण के विभिन्न पहलुओं को भी कवर किया जाएगा।
• राष्ट्रीय परिवहन विकास नीति समिति (एनटीडीपीसी) ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे ट्रैकों के विद्युतीकरण की पहचान ईंधन की खपत को कम करने के एक साधन के रूप में की है। रिपोर्ट में विद्युतीकरण परियोजनाओं की प्रगति की राह में मौजूद बाधाओं को समुचित तरीके से दूर करते हुए प्राथमिकता के आधार पर विद्युतीकरण के कार्य को आगे बढ़ाने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि विद्युतीकरण को एक ऐसे साधन के रूप में देखा जाना चाहिए, जिससे रेल परिवहन को आयातित जीवाश्म ऊर्जा की निर्भरता से मुक्त किया जा सकता है। इसके साथ ही यह ऊर्जा की प्राप्ति में एक विकल्प की भी पेशकश करता है।
• ऊर्जा के टिकाऊ एवं हरित स्रोतों के उपयोग के जरिए कार्बन स्तर में कमी किए जाने पर भी ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है।