वर्तमान सूचना प्रौद्योगिकी के युग में, निर्बाध सेवा प्रदान करने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य सेवा समय की आवश्यकता है। इसे ध्यान में रखते हुए, 129 रेलवे अस्पतालों और 586 स्वास्थ्य इकाइयों में तेजी से, निर्बाध और बिना किसी परेशानी के स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए संपूर्ण रेलवे स्वास्थ्य प्रणाली को एक ही संरचना पर लाने के लिए रेल मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र की एक मिनीरत्न कम्पनी-रेलटेल तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत सी-डैक की एक इकाई (ई-सुश्रुत) को अखिल भारतीय अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) को लागू करने का काम सौंपा गया है।
रेलवे के कुल 11,76,300 कर्मचारियों में से 11,24,058 पंजीकृत कर्मचारी लाभार्थी हैं। कुल 10,33,143 एचएमआईएस कर्मचारी कार्ड बनाए गए हैं। कार्ड जनरेट करवाने वाले वे लोग हैं जिन्होंने अपना यूएमआईडी कार्ड बनवाया है। रेलवे के कुल 16,52,082 पेंशनभोगियों में से 4,83,592 पंजीकृत पेंशनभोगी लाभार्थी हैं। कुल एचएमआईएस पेंशनभोगी लाभार्थी कार्ड 3,75,440 बनाए गए हैं। कर्मचारियों के औसतन 3-4 आश्रित हैं और पेंशनभोगियों के पास 2-3 आश्रित हैं।
एचएमआईएस को भारतीय रेलवे में 156 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहले ही शुरू किया जा चुका है। शेष स्वास्थ्य केंद्रों पर एचएमआईएस को 2021 में शीघ्र ही लागू किया जाएगा।
एचएमआईएस समाधान लगभग 20 मॉड्यूल के साथ नैदानिक देखभाल के साथ-साथ सम्पूर्ण अस्पताल प्रशासन को कवर करने जा रहा है जो रेलवे अस्पतालों के लिए प्रासंगिक हैं। मॉड्यूल ओपीडी, आईपीडी, लैब्स, ओटी, ब्लड बैंक, फार्मेसी, रेफरल, चिकित्सा जांच और चिकित्सा दावों की प्रतिपूर्ति आदि जैसे अस्पताल प्रबंधन की मुख्य और सहायक आवश्यकताओं, दोनों को कवर करता है।
चिकित्सा लाभार्थियों को सशक्त बनाने के लिए एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है, जो मरीजों को अपने इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा रिकॉर्ड (ईएमआर) को कहीं से भी देखने की सुविधा प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। इस ऐप के माध्यम से टेली-परामर्श, प्रयोगशाला जांच रिपोर्ट देखना, रोगी को दी जाने वाली दवाएं आदि जैसी सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं। इस ऐप में स्वयं पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध है।
यह प्रणाली स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के साथ पूरी तरह से एकीकृत है। एचएमआईएस को भारतीय रेलवे की अन्य विभिन्न डिजिटल पहलों जैसे कि विशिष्ट चिकित्सा पहचान संख्या (यूएमआईडी), आईपीएएसएस और एआरपीएएन आदि के साथ सिंक्रनाइज़ किया गया है और आवश्यकता के अनुसार इस तरह के एकीकरण को आगे बढ़ाने में सक्षम है।
स्वास्थ्य डेटा का डिजिटलीकरण स्वास्थ्य सेवाओं को परेशानी मुक्त और पारदर्शी बनाने जा रहा है। यह सेवा रेलवे स्वास्थ्य सेवा लाभार्थियों की विशिष्ट चिकित्सा पहचान संख्या (यूएमआईडी) के माध्यम से सुलभ है। रोगी एचएमआईएस ऐप के माध्यम से क्यूआर कोड को स्कैन करके ओपीडी अपॉइंटमेंट ले सकते हैं। इससे लगभग 10 मिलियन रेलवे स्वास्थ्य लाभार्थियों को रोगी देखभाल और रोगी सेवाओं में सुधार होगा।