नई दिल्ली: भारतीय रेल “प्लास्टिक अपशिष्ट के संग्रह” पर ध्यान केंद्रित करने के लिए “व्यापक श्रमदान” का एक और अभियान आरंभ करेगी। यह इस मंगलवार, 17 सितंबर, 2019 को आरंभ की जाएगी। हाल के दिनों में रेलवे द्वारा इस तरह के कई अभियान चलाए जा रहे हैं। इस श्रमदान का उद्देश्य है: –
- सभी रेलवे परिसरों से प्लास्टिक कचरे के संग्रह के माध्यम से स्वच्छता को बढ़ावा देना। स्टेशनों पर जाने के संपर्क मार्गों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा
- एकल उपयोग प्लास्टिक के खिलाफ अधिक प्रभाव के लिए जागरूकता पैदा करना।
- ऐसी प्लास्टिक वस्तुओं के लिए प्रतिस्थापन / विकल्प प्रदर्शित करना।
- बड़ी संख्या में कपड़े के थैले वितरित करना जैसीकि रेलवे के पर्यावरण और हाउसकीपिंग मैनेजमेंट डिवीजन द्वारा अपने पत्र दिनांक 12.9.2019 के माध्यम से सलाह दी गई है।
- 02.10.2019 से एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रतिबंध के लिए विक्रेताओं सहित रेलवे में सभी को शिक्षित करना। एकल उपयोग प्लास्टिक का अर्थ है किसी भी तरीके से 50 माइक्रोन से नीचे किसी भी प्लास्टिक का उपयोग।
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से इच्छा व्यक्त की थी कि भारतीय रेलवे इस पहल का नेतृत्व करे। इसी के अनुरूप, रेल मंत्री ने 2 सितंबर, 2019 से रेलगाड़ियों और स्टेशनों के लिए 10 दिन के सफाई अभियान का निर्देश दिया था। मंत्री ऐसे कई अभियानों से संबंधित तस्वीरों की निगरानी कर रहे थे जो ई-दृष्टि और अन्य डैशबोर्ड पर अपलोड किए जा रहे थे। वह उन रेलवे डिवीजनों को प्रोत्साहित कर रहे थे जो स्वछता पर भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। स्वच्छता को अपनी कार्य संस्कृति बनाने के भारतीय रेलवे के इस तरह के गंभीर प्रयासों के कारण पिछले शुक्रवार 06 सितंबर, 2019 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा मंत्रालय को 2018-19 के लिए सर्वश्रेष्ठ केंद्रीय मंत्रालय स्वच्छता पुरस्कार प्रदान किया गया था।
इसके अलावा, भारतीय रेलवे 11 सितंबर से 2 अक्टूबर, 2019 जो महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती है, तक स्वच्छ्ता पखवाड़ा से संबंधित विभिन्न गतिविधियाँ आरंभ कर रहा है। इसे सामुदायिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें स्वच्छता पर एक स्पष्ट प्रभाव प्रदर्शित करने के लिए सभी हितधारक शामिल होंगे। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष भी इस विषय पर जोर देने के लिए लगातार सभी मंडल प्रमुखों के संपर्क में थे। उन्होंने सभी डिवीजनल प्रमुखों को 2 अक्टूबर, 2019 तक चार हजार से अधिक ए 1 और ए 2 स्टेशनों पर प्लास्टिक की बोतल क्रशिंग मशीन उपलब्ध कराने को कहा है।
इस बीच, रेलवे बोर्ड ने सभी डिवीजनल प्रमुखों को एक पत्र भी भेजा है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि 17 सितंबर, 2019 को यह व्यापक श्रमदान प्रत्येक स्टेशन और आस-पास के इलाकों, स्टेशनों के लिए संपर्क सड़कों और पटरियों के पास के क्षेत्रों में आयोजित किया जाए। स्टेशनों और भारतीय रेलवे के अन्य सभी स्तरों पर वरिष्ठ अधिकारियों को श्रमदान का नेतृत्व करने के लिए कहा गया है, जिसमें सभी रेलवे कर्मचारी, उनके परिवार, रेलवे पेंशनभोगी और अन्य सभी हितधारक और स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी शामिल हैं। धर्मार्थ संगठनों को भी अभियान में भाग लेने के लिए अनुरोध किया जाएगा। इसे सफल बनाने के लिए ट्रेड यूनियन भी सक्रिय रूप से शामिल हो सकते हैं। रेलवे के पर्यावरण और हाउसकीपिंग प्रबंधन प्रभाग को तस्वीरों सहित एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
मंडल स्तर पर रेलवे स्टेशन पर प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित एक प्रतियोगिता का शुभारंभ किया जाएगा और उसके बाद इसे महाप्रबंधक के स्तर पर आरंभ किया जाएगा। ज़ोन/ डिवीजनों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर रेलवे बोर्ड द्वारा बेस्ट ज़ोन/ डिवीजन का आकलन किया जाएगा।