चेन्नई: भारतीय रॉकेट धु्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-31 के लांच की 48 घंटों की उल्टी गिनती सोमवार सुबह 9.31 बजे शुरू हो गई। यह वर्ष 2016 में लांच होने वाला भारत का हपला रॉकेट है, जिसे 20 जनवरी की सुबह 9.31 बजे लांच किया जाना है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, धु्रवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-31) के लांच के लिए 48 घंटे की उल्टी गिनती आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट में शुरू हो गई है। यह अपने साथ भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली-आईआरएनएसएस-वनई लेकर जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि रॉकेट 1,425 किलोग्राम वजनी आईआरएनएसएस-वनई को उसकी कक्षा में स्थापित करेगा।
भारत अब तक चार क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह (आईआरएनएसएस-1ए, 1बी, 1सी और आईडी) लांच कर चुका है। इसका उद्देश्य देश तथा क्षेत्र के उपभोक्ताओं को सटीक स्थिति की सूचना उपलब्ध कराना है। इसका दायरा करीब 1,500 किलोमीटर में फैला है। ये प्रक्षेपण सात उपग्रहों के समूह के हिस्से के रूप में किए गए। इसरो के अधिकारियों ने पूर्व में कहा था कि यूं तो पूरी प्रणाली में नौ उपग्रह (सात कक्षा में और सहयोग के तौर पर दो भूतल पर) शामिल हैं, लेकिन नौवहन सेवाओं का संचालन चार उपग्रहों से भी हो सकता है।
प्रत्येक उपग्रह की लागत करीब 150 करोड़ रुपए और पीएसएलवी-एक्सएल संस्करण रॉकेट की लागत करीब 130 करोड़ रुपए है। सात रॉकेटों पर करीब 910 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। सातों उपग्रहों के पूरे आईआरएनएसएस समूह को 2016 में पूरा करने की योजना है।
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